मथुरा: फर्जी मुठभेड़ में ग्राम प्रधान को जेल में डालने वाले 15 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

मथुरा (उत्तर प्रदेश), 10 दिसंबर 2025। उत्तर प्रदेश की मथुरा अदालत ने फरह क्षेत्र के एक ग्राम प्रधान हरेंद्र सिंह को फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल में डालने के मामले में हाथरस कोतवाली प्रभारी सहित 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

वादी गजेंद्र सिंह ने अदालत में बताया कि इस साल 25 फरवरी को सुबह चार बजे हाथरस के विशेष अभियान दल (एसओजी) प्रभारी धीरज गौतम और कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र सिंह भारी पुलिस बल के साथ उनके घर पर दीवार फांदकर घुसे। उन्होंने हरेंद्र और उनके बेटे को पीटते हुए जबरन गाड़ी में बैठाया और ले गए। गजेंद्र ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जाते समय हरेंद्र और उनकी पत्नी के मोबाइल फोन और घर में मौजूद 50 हजार रुपए नकद भी जब्त कर लिए।

मुकदमे में आरोप है कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने हरेंद्र को फरह से सादाबाद कोतवाली क्षेत्र में ले जाकर रात 10 बजे फर्जी मुठभेड़ दिखाने की कोशिश की। मुठभेड़ के दौरान हरेंद्र को जान से मारने की नियत से टांगों में गोली मारी गई। इसके अलावा, हरेंद्र को दो अन्य फर्जी मुकदमों में भी फंसाया गया, जिनके कारण उन्हें काफी समय जेल में रहना पड़ा। वर्तमान में हरेंद्र जमानत पर हैं।

वादी गजेंद्र सिंह ने कोर्ट में हरेंद्र को जबरन ले जाने, घर में घुसने की सीसीटीवी फुटेज, टोल प्लाजा से गाड़ी गुजरने के सबूत, और आरोपी पुलिस टीम के मोबाइल लोकेशन आदि पेश किए। अदालत ने इन सबूतों को प्रभावी मानते हुए माना कि हरेंद्र के खिलाफ मामला पूरी तरह से फर्जी था।

मथुरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज ने 27 नवम्बर को सुनवाई के दौरान फरह थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाए और नियमानुसार विवेचना सुनिश्चित की जाए।

फरह थाना प्रभारी त्रिलोकी सिंह ने बताया कि उन्हें न्यायालय का आदेश मंगलवार रात को प्राप्त हो गया है और आदेश के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

इस मामले ने पुलिस की कथित दुरुपयोग और फर्जी मुठभेड़ जैसी घटनाओं को लेकर सुर्खियां बनाई हैं और स्थानीय जनता में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं।

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