नई दिल्ली। भारत वैश्विक पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री में बड़ा खिलाड़ी बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए करीब 37 अरब डॉलर का पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) करने की योजना बना रहा है।
इस निवेश का मकसद उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और उद्योग की दक्षता में सुधार करना है। रिपोर्ट शीर्षक ‘पहले चीन, अब भारत: आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पेट्रोकेमिकल आपूर्ति बढ़ाएंगे’ है। इसमें कहा गया है कि भारत का यह बड़ा क्षमता विस्तार एशिया के पेट्रोकेमिकल बाजार में अतिरिक्त आपूर्ति का दबाव पैदा कर सकता है। चीन ने भी पहले इसी तरह के कदम उठाए थे, जिससे वैश्विक आपूर्ति पर असर पड़ा था।
एसएंडपी का अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक क्षमता वृद्धि में भारत का योगदान लगभग एक तिहाई होगा। रिपोर्ट बताती है कि भारत की घरेलू मांग बेहद मजबूत है, जिससे भारतीय उत्पादकों की कमाई और प्रतिस्पर्धा दोनों को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा बल्कि देश को पेट्रोकेमिकल सेक्टर में वैश्विक स्तर पर निर्णायक भूमिका दिलाएगा।
