भारत ने बढ़ाई LPG आयात निविदा की समय सीमा: ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक बदलाव की तैयारी

भारत सरकार ने अमेरिका से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) के आयात के लिए जारी अपनी पहली वार्षिक संयुक्त निविदा (tender) की अंतिम तिथि को 17 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया है। यह निविदा वर्ष 2026 के लिए दीर्घकालिक आयात अनुबंध सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी की गई थी। ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय देश की ऊर्जा आपूर्ति को विविध करने और मध्य पूर्व पर निर्भरता घटाने की दिशा में उठाया गया अहम कदम है। अब तक भारत अपनी अधिकांश LPG आपूर्ति सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देशों से प्राप्त करता है। हालांकि, बदलते वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य और आपूर्ति जोखिमों को देखते हुए सरकार अमेरिका, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों से भी वैकल्पिक स्रोत तलाश रही है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) की संयुक्त पहल के तहत यह पहली बार है जब भारत ने अमेरिकी आपूर्तिकर्ताओं को दीर्घकालिक अनुबंध के लिए आमंत्रित किया है। इस निविदा के तहत कुल लगभग 1.5 मिलियन टन LPG की वार्षिक आपूर्ति का प्रस्ताव है।
ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की ऊर्जा सुरक्षा नीति में “ऐतिहासिक मोड़” साबित हो सकता है। अमेरिका से LPG आयात बढ़ाने से न केवल कीमतों में स्थिरता आएगी बल्कि ट्रांसपोर्टेशन लागत में भी प्रतिस्पर्धा बनेगी। वर्तमान में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा LPG उपभोक्ता देश है, जहाँ हर साल लगभग 3.2 करोड़ मीट्रिक टन LPG की खपत होती है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण परिवारों में LPG उपभोग तेजी से बढ़ा है, जिसके चलते आयात की मांग भी लगातार बढ़ रही है। इस कदम से भारत की ऊर्जा आपूर्ति अधिक सुरक्षित, स्थिर और बहुविकल्पीय बनने की दिशा में मजबूत कदम उठाया गया है

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