गुवाहाटी, 20 नवंबर । भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने स्वीकार किया है कि भारत जैसे प्रतिस्पर्धी क्रिकेट ढांचे में सभी प्रारूपों में जगह बनाना आसान नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे आक्रामक मानसिकता और टीम प्रबंधन के समर्थन के चलते सभी प्रारूपों में अपनी भूमिका मजबूती से निभा पा रहे हैं।
कुलदीप हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 श्रृंखला के बीच से स्वदेश लौटकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज से जुड़े थे। पहले टेस्ट में उन्होंने चार विकेट झटके, हालांकि भारत को यह मुकाबला 30 रन से गंवाना पड़ा।
जियो स्टूडियोज के कार्यक्रम ‘फॉलो द ब्लूज’ में कुलदीप ने कहा, “निश्चित तौर पर आप तीनों प्रारूप खेलना चाहेंगे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट खेलने में मजा आता है। भारत में सभी प्रारूपों में खेल पाना आसान नहीं है।” उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट चुनौतीपूर्ण होते हुए भी उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। “अगले चार–पांच साल मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट में काफी अहम हैं, इसलिए मैं अपनी फिटनेस पर फोकस कर रहा हूं और इसी तरह प्रदर्शन जारी रखना चाहता हूं।”
कुलदीप ने बताया कि उनकी भूमिका टीम में पूरी तरह स्पष्ट है और कोच व कप्तान की स्पष्टता और सहयोग से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा, “एक आक्रामक गेंदबाज के तौर पर मुझे अपनी भूमिका पता है। कोच और कप्तान ने मुझे हमेशा खुलकर खेलने की आज़ादी दी है। मेरा काम विकेट लेना है और कोच भी मुझसे यही उम्मीद करते हैं।”
तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने भी कठिन टीमों के खिलाफ खेलने के फायदों पर बात की। उन्होंने कहा, “जब आप मजबूत टीम के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी लाइन-अप को गेंदबाजी करते हैं और उनके विकेट लेते हैं तो आत्मविश्वास बढ़ता है। आपको अपनी गलतियां तुरंत समझ में आती हैं। इसलिए मुझे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने में काफी मजा आ रहा है।”
