भाजपा सरकार में विद्युत-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट: अखिलेश

लखनऊ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी में भाजपा सरकार ने विद्युत-व्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर दिया हैं आए दिन बिजली कटौती और बिजली दरों में वृद्धि से लोगों का जीना दूभर हो गया है। पावर कारपोरशन खुद अपने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ा रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में 10 सितंबर से 6 अक्टूबर तक 1.74 लाख नए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन हुए, जिसमें बढ़ी दरों की वजह से 37,043 आवेदकों के मामले लंबित रह गए। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के संबंध में अंतिम निर्णय तक आवेदको से ली गई धनराशि वापस देने का भी अनुरोध किया। इस संबंध में विद्युत अधिनियम 2003 का हवाला दिया गया। इसमें उपभोक्ता को प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर में चुनाव का प्रावधान है लेकिन विभागीय मनमानी चल रही है।

पावर कारपोरेशन की कार्यप्रणाली में नीतिगत खामियों के चलते घाटा होने से उसकी भरपाई उपभोक्ता से करने की साजिशे हो रही है। पावर कारपोरेशन ने नए पावर कनेक्शन के साथ प्रीपेड मीटर लेना आवश्यक कर दिया है। सरकार की मंशा बिजली व्यवस्था को पूंजीपतियों के हाथ में गिरवी रख देने की है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने एक यूनिट बिजली का उत्पादन किया नहीं पर उपभोक्ताओं को महंगी बिजली और घरों पर स्मार्ट मीटर लगाकर लूटना शुरू कर दिया है।

गरीबों के लिए विद्युत कनेक्शन एक हजार रुपये की जगह अब 6 हजार रुपए में मिलेगा। गांवों में एक किलोवाट लोड पर 1,172 रुपये कनेक्शन चार्ज था अब वह 6,216 रुपये हो गया है। यानी बृद्धिदर 5.3 गुना है। भाजपा सरकार की शह पर पावर कारपोरेशन अपने इकतरफा निर्णय थोपने पर उतारू है। बगैर नियामक आयोग की जानकारी के उपभोक्ताओं को बढ़ी दरों पर कनेक्शन और मंहगी बिजली लेने पर मजबूर किया जा रहा है। श्री यादव ने कहा कि मुनाफाखोरी, कंपनियों से चंदा वसूली और ठेकों से कमीशनखोरी के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ गयी है।

भाजपा ने ठेले, पटरी से लेकर छोटे दुकानदारों, कारोबारियों और कारखानों तक में बिजली कनेक्शनों में लूट मचा रखी है। व्यवसायिक संस्थानों को बिजली कटौती और आए दिन होने वाले फाल्ट से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है इसलिए कोई प्रदेश में निवेश नहीं करना चाहता है। भाजपा सरकार में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। इस सरकार से मध्य वर्ग, गरीब और मजदूर सब त्रस्त हैं। 2027 में भाजपा सरकार को हटाने पर ही लोगों को राहत मिलेगी।

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