नयी दिल्ली, 21 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में बाधा डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया बिहार की तरह सुचारु और पारदर्शी ढंग से पूरी हो।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और “गुंडे” बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को धमका रहे हैं और उन्हें आयोग के निर्देशों की अवहेलना करने को कह रहे हैं। उनका आरोप है कि तृणमूल पार्टी इस प्रक्रिया के खिलाफ इसलिए है क्योंकि एसआईआर से उनके मतदाता “घुसपैठियों” सहित अन्य असत्य मतदाताओं की पहचान हो सकती है, जो उनके वोट बैंक का हिस्सा हैं।
पासवान ने कहा, “जब बिहार में एसआईआर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और अन्य राज्यों में भी सुचारु रूप से जारी है, तब ममता बनर्जी कौन होती हैं इस संवैधानिक प्रक्रिया में बाधा डालने वाली?” उन्होंने निर्वाचन आयोग से राज्य में एसआईआर की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के अवरोध को रोकने और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बल तैनात करने का आग्रह किया।
भाजपा ने यह भी दावा किया कि ममता बनर्जी की पार्टी कोलकाता, उत्तर परगना और दक्षिण परगना में वोट बैंक के लिए घुसपैठियों का सहारा लेती है और तुष्टिकरण की राजनीति करती है। पासवान ने चेतावनी दी कि केवल देश के नागरिकों को ही वोट देने का अधिकार होना चाहिए और किसी भी तरह की राजनीतिक रियायत इसे प्रभावित नहीं कर सकती।
भाजपा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल में एसआईआर कवायद चल रही है और मतदाता सूची में बदलाव के लिए आयोग की निगरानी जरूरी है। भाजपा ने आयोग से कहा कि राज्य में एसआईआर पूर्णतः संवैधानिक, पारदर्शी और बाधा रहित ढंग से संपन्न हो।
