बिहार विधानसभा चुनाव: भाजपा ने जारी की 71 उम्मीदवारों की पहली सूची, विस अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठों के कटे टिकट

पटना/नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले फैसले देखने को मिले। पार्टी ने जहां 13 मंत्रियों और नौ महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है, वहीं विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, पूर्व मंत्री रामसूरत राय और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया गया है।

भाजपा इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के तहत 243 में से 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बाकी सीटें सहयोगी दलों—जनता दल (यू), हम और अन्य के हिस्से में गई हैं।

सबसे बड़ा झटका नंदकिशोर यादव को लगा है, जो पटना साहिब से सात बार विधायक रहे हैं और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष भी हैं। उनकी जगह भाजपा ने उच्च न्यायालय के वकील और पार्टी नेता रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। यादव ने इस फैसले को विनम्रता से स्वीकारते हुए कहा, “पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मुझे कोई शिकायत नहीं है। नई पीढ़ी का स्वागत है।”

इसके अलावा कुम्हरार से पांच बार विधायक रहे अरुण कुमार सिन्हा का भी टिकट कट गया है और उनकी जगह संजय गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है। दरभंगा की गौड़ाबौरम सीट से भाजपा में हाल ही में शामिल हुए पूर्व आयकर आयुक्त सुजीत कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि इस सीट से उनकी पत्नी स्वर्णा सिंह वर्तमान में विधायक हैं।

हालांकि, टिकट वितरण से सभी संतुष्ट नहीं दिखे। औराई से विधायक व पूर्व मंत्री रामसूरत राय के समर्थकों ने टिकट कटने पर पटना स्थित प्रदेश मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और भाजपा पर टिकट बेचने का आरोप लगाया।

पार्टी की इस सूची में 48 मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया गया है, जबकि 23 सीटों पर नए चेहरों को उतारा गया है। जातिगत समीकरणों का भी स्पष्ट ध्यान रखा गया है—15 राजपूत, 12 वैश्य, 11 भूमिहार, सात ब्राह्मण, छह कुशवाहा, पांच यादव, दो कुर्मी और एक कायस्थ उम्मीदवार को टिकट मिला है।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर से और पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को लखीसराय से उम्मीदवार बनाया गया है। कुल मिलाकर भाजपा की पहली सूची पुराने और नए चेहरों का मिश्रण है, जिससे पार्टी नेतृत्व एक तरफ युवा नेतृत्व को आगे लाना चाहता है तो दूसरी ओर जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश कर रहा है।

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