नई दिल्ली, 6 अक्टूबर: बिहार में बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान कराया जाएगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से पहले चरण में 121 सीटों, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा। राज्य की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, ऐसे में चुनाव आयोग ने समय रहते चुनाव कार्यक्रम घोषित किया है।
नामांकन की प्रक्रिया:
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है, 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और उम्मीदवार 20 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं।
दूसरे चरण के लिए अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी। इसके तहत 20 अक्टूबर नामांकन की आखिरी तारीख, 21 अक्टूबर को जांच, और 23 अक्टूबर नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी।
मतदाता आंकड़े:
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.50 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। इस बार 14 लाख युवा मतदाता पहली बार मतदान करने जा रहे हैं, जो चुनाव को और भी खास बना देता है।
त्योहारों के बाद चुनाव की मांग:
राज्य के राजनीतिक दलों ने आयोग से आग्रह किया था कि चुनाव छठ पर्व के बाद कराए जाएं, ताकि बड़ी संख्या में बाहर से लौटने वाले प्रवासी मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। इस अनुरोध को ध्यान में रखते हुए ही आयोग ने नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में मतदान का निर्णय लिया है।
चुनाव की पारदर्शिता और सुरक्षा:
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल सुगम और सरल होंगे, बल्कि चुनाव कानून व्यवस्था पर पूरी निगरानी और नियंत्रण के साथ कराए जाएंगे।”
आयोग ने फर्जी खबरों और दुष्प्रचार के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने की बात कही है। इसके लिए विशेष तंत्र बनाया गया है, ताकि मतदाताओं को भ्रामक सूचनाओं से बचाया जा सके।
17 नई पहल:
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने घोषणा की कि इस बार बिहार से 17 नई चुनावी पहल शुरू की जा रही हैं, जो आने वाले समय में देशभर में लागू की जाएंगी। उन्होंने इसे “ऐतिहासिक कदम” करार दिया और कहा कि इससे भारतीय चुनाव प्रणाली और अधिक मजबूत और लोकतांत्रिक होगी।
