नई दिल्ली, 14 अक्टूबर – बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान समाप्त होने से पहले के 48 घंटों के दौरान थोक एसएमएस और ऑडियो मैसेज भेजना प्रतिबंधित रहेगा। छह नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान की तैयारियों के बीच आयोग ने प्रचार पर सख्त पाबंदियां लागू की हैं।
निर्वाचन आयोग ने नौ अक्टूबर को जारी नोट में कहा कि मतदान क्षेत्र में मतदान समाप्ति से पहले 48 घंटे की अवधि के दौरान टीवी, केबल नेटवर्क, रेडियो, सिनेमा हॉल सहित सभी माध्यमों पर राजनीतिक विज्ञापन, थोक एसएमएस, ऑडियो मैसेज और ध्वनि-दृश्य प्रचार सामग्री का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
साथ ही, आयोग ने प्रत्येक पंजीकृत राजनीतिक दल और उम्मीदवारों को सोशल मीडिया समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों के लिए मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणन लेने का आदेश भी जारी किया है। यह समिति सोशल मीडिया पर ‘पेड न्यूज’ के संदिग्ध मामलों पर भी नजर रखेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी।
निर्वाचन आयोग ने नामांकन करते समय उम्मीदवारों को अपने प्रामाणिक सोशल मीडिया अकाउंट का विवरण साझा करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही, चुनाव समाप्ति के 75 दिन के भीतर सोशल मीडिया और इंटरनेट प्रचार पर हुए खर्च का ब्यौरा आयोग को देना अनिवार्य होगा। इसमें विज्ञापन के लिए इंटरनेट कंपनियों को भुगतान, सामग्री निर्माण का खर्च और सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करने के खर्च भी शामिल होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे—पहला 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। निर्वाचन आयोग की यह सख्त कार्रवाई चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
