पटना/रांची | 20 अक्टूबर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमवार को एलान किया कि वह बिहार चुनाव में अब हिस्सा नहीं लेगी। पार्टी ने राजद और कांग्रेस पर गहरा आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें सीट बंटवारे में जानबूझकर अंधेरे में रखा गया और राजनीतिक षड्यंत्र के तहत दरकिनार कर दिया गया।
यह एलान झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री और बिहार चुनाव प्रभारी सुदिव्य कुमार सोनू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया। उन्होंने कहा, “हमने गठबंधन धर्म पूरी निष्ठा से निभाया, लेकिन बदले में हमें धोखा मिला। राजद और कांग्रेस ने हमारी हिस्सेदारी को साजिश के तहत कुचल दिया। यह न केवल झामुमो, बल्कि झारखंड की जनता और आदिवासी अस्मिता के साथ विश्वासघात है।”
सोनू ने 2019 में हेमंत सोरेन सरकार बनने के बाद राजद विधायक को मंत्री बनाने का हवाला देते हुए कहा कि झामुमो ने हमेशा गठबंधन की मजबूती के लिए काम किया, लेकिन अब वही सहयोगी स्वार्थ में अंधे हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि झामुमो बिहार की छह विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन गठबंधन में उसे कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इससे नाराज होकर पार्टी ने पहले अकेले लड़ने का निर्णय लिया, और अब चुनाव से पूरी तरह पीछे हटने का एलान कर दिया है।
इस घटनाक्रम के बाद झारखंड की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में बदलाव कर सकते हैं और राजद कोटे से मंत्री संजय प्रसाद यादव को बाहर किया जा सकता है।
झामुमो ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में वह झारखंड में भी गठबंधन की समीक्षा करेगा और “सच्चे साथियों” की पहचान करेगा। पार्टी नेताओं ने कहा है कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक चोट है, जिसे झारखंड के आदिवासी कभी नहीं भूलेंगे।
