अयोध्या, 9 अक्टूबर 2025 राम नगरी अयोध्या एक और ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर 21 फुट ऊंची धर्म ध्वजा फहराएंगे। यह कार्यक्रम राम विवाह पंचमी के पावन अवसर पर आयोजित होगा और इसके साथ ही मंदिर निर्माण कार्य की आधिकारिक पूर्णता की घोषणा की जाएगी।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ध्वजारोहण के माध्यम से यह संदेश जाएगा कि आस्था का सपना साकार हो चुका है और वर्षों की प्रतीक्षा अब समाप्त हो गई है। मिश्रा ने इसे एक “ऐतिहासिक समारोह” बताते हुए कहा कि यह दिन संपूर्ण देशवासियों के लिए गर्व और श्रद्धा का प्रतीक होगा।
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमिपूजन और 22 जनवरी 2024 को रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग ले चुके हैं। अब वे तीसरी बार अयोध्या आकर इस ऐतिहासिक कार्य को पूर्णता प्रदान करेंगे।
मंदिर निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बाहरी दीवारें, शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम और पुष्करणी (पवित्र सरोवर) का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। श्रद्धालुओं के लिए जूता स्टैंड का निर्माण भी अंतिम चरण में है और नवंबर तक पूरा हो जाएगा।
ध्वजारोहण से पूर्व 21 से 25 नवंबर तक अयोध्या और काशी के विद्वान संतों द्वारा पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। मंदिर निर्माण समिति की हालिया बैठक में चंपत राय, अनिल मिश्रा और गोपाल राव ने निर्माण की प्रगति पर संतोष जताया।
राम मंदिर अब न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान का भी भव्य प्रतीक बनकर उभर रहा है।
