प्रधानमंत्री की ‘बंकिम दा’ टिप्पणी पर ममता बनर्जी का हमला, माफी की मांग—बंगाल का अपमान बताया

कूचबिहार, 9 दिसंबर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लोकसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को ‘बंकिम दा’ कहकर संबोधित करने को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे बंगाल की संस्कृति और उसके महान साहित्यकारों का अपमान बताया और प्रधानमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग की।

कूचबिहार जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी जैसे राष्ट्रीय प्रतीक को हल्के अंदाज़ में संबोधित करना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय गीत लिखने वाले का अपमान किया गया है। प्रधानमंत्री को सिर झुकाकर माफी मांगनी चाहिए। आपने देश के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम का अपमान किया है।”

लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर सोमवार को विशेष चर्चा हुई थी। इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बंकिम चंद्र चटर्जी को ‘बंकिम दा’ कहा था। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने तुरंत इस पर आपत्ति जताई और ‘दा’ की जगह ‘बाबू’ कहने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने उनकी भावना का सम्मान करते हुए तुरंत उन्हें ‘बंकिम बाबू’ कहकर संबोधित किया, और हल्के-फुल्के अंदाज़ में पूछा कि क्या अब वे रॉय को ‘दादा’ कह सकते हैं।

इसके बावजूद तृणमूल कांग्रेस ने इस टिप्पणी को असम्मानजनक बताते हुए हमला जारी रखा। ममता बनर्जी ने कहा, “ऐसा लग रहा था जैसे कोई हरिदा या श्यामदा कह रहा हो। आपने राष्ट्रगीत लिखने वाले को इसी तरह संबोधित किया। यह बंगाल की संस्कृति का अपमान है।”

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य ने सबसे अधिक बलिदान दिया। उन्होंने कहा, “जब देश आजाद हुआ, तब न आप पैदा हुए थे, न हम। लेकिन हमारे पूर्वज थे, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी। बंगाल ने सबसे ज्यादा संघर्ष किया।”

ममता ने भाजपा पर बंगाल की विरासत को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने कभी समाज सुधारक राजा राममोहन राय के योगदान को कमतर बताया, कभी स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस को ‘आतंकवादी’ कहा, और कोलकाता में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ने का काम भी उसी विचारधारा के लोगों ने किया।

उन्होंने केंद्र सरकार को “तानाशाही, निरंकुश और भ्रष्ट” कहते हुए इसे “शकुनि-मामा सरकार” और “दुर्योधन-दु:शासन सरकार” तक करार दिया। ममता ने दावा किया कि यदि भाजपा बंगाल में सत्ता में आती है, तो राज्य की भाषा, संस्कृति और विरासत नष्ट हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के बाद अंतिम सूची प्रकाशित होते ही विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी ताकि कोई इसे अदालत में चुनौती न दे सके।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *