पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दिया, पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप

पटना, 15 नवंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद राज कुमार सिंह ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को लिखा पत्र सार्वजनिक कर पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए।

भाजपा की ओर से उन्हें निलंबित किए जाने के कुछ घंटे बाद ही सिंह ने इस्तीफा दिया। उन्होंने पत्र में बताया कि उन्हें निलंबन नोटिस की जानकारी केवल अग्रसारित संदेशों के माध्यम से मिली और इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनकी कौन-सी गतिविधि पार्टी विरोधी मानी गई। सिंह के अनुसार, बिना किसी स्पष्ट आरोप के जवाब मांगना न्यायोचित नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संकेत दिया कि संभवत: उन्हें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को पार्टी टिकट न देने की उनकी टिप्पणी के कारण ही निलंबित किया गया। सिंह ने कहा कि उनका रुख पार्टी विरोधी नहीं था, बल्कि राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ था। उन्होंने कहा, “यह टिप्पणी राष्ट्रहित और जनहित में थी, लेकिन पार्टी के कुछ लोग इससे असहज हो गए।”

सिंह ने बताया कि उन्होंने अपना विस्तृत जवाब पहले ही बिहार प्रदेश प्रभारी को भेज दिया था, लेकिन अब भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर उन्होंने अपना निर्णय अंतिम कर दिया है। उनके इस्तीफे को पार्टी के भीतर असंतोष का संकेत माना जा रहा है।

भाजपा के अनुसार, सिंह को प्रदेश मुख्यालय की ओर से निलंबन आदेश जारी किया गया और उनसे यह बताने को कहा गया कि उन्हें पार्टी से निष्कासित क्यों न किया जाए। सिंह के अलावा, पार्टी ने विधान परिषद सदस्य अशोक कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी, कटिहार की महापौर उषा अग्रवाल को भी निलंबित किया। अग्रवाल दंपति पर अपने बेटे के पक्ष में प्रचार करने का आरोप था, जो विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कटिहार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे।

राज कुमार सिंह नौकरशाही से राजनीति में आए और 2014 में सेवानिवृत्त होने के कुछ ही महीनों बाद भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जैसे नेताओं पर आपराधिक मामलों में कथित संलिप्तता की आलोचना की थी। सिंह आरा संसदीय सीट से लगातार दो बार जीत दर्ज करने के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा भागलपुर में अदाणी समूह के साथ बिजली संयंत्र स्थापित करने के समझौते की भी आलोचना की थी।

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