पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए भाजपा से गठबंधन करने के बजाय इस्तीफा दे दूंगा : उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर, 30 सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश के वास्ते पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द बहाल कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने के बजाय इस्तीफा दे देंगे। अनंतनाग जिले के अचबल क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह राज्य का दर्जा पाने के लिए कोई राजनीतिक समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “अगर आप (लोग) तैयार हैं, तो मुझे बताएं, क्योंकि मैं उस सौदे को करने के लिए तैयार नहीं हूं। अगर सरकार में भाजपा को शामिल करना जÞरूरी है, तो मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। यहां किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बनाएं और भाजपा के साथ सरकार बनाएं।”

अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उन्होंने सरकार में भाजपा को शामिल किया होता, तो पूर्ण राज्य का दर्जा जल्दी बहाल हो सकता था। उन्होंने कहा, “क्या हमें सरकार में भाजपा को शामिल करना चाहिए था? एक संभावना थी कि भाजपा को सरकार में शामिल करके, हमें एक उपहार मिल सकता था। वे हमें राज्य का पूर्ण दर्जा जल्दी दे देते।” साल 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)-भाजपा के बीच हुए गठबंधन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तब भी भाजपा को शामिल किए बिना जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई जा सकती थी।

अब्दुल्ला ने कहा, “कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) तैयार थे। भाजपा को सरकार से बाहर रखा जा सकता था। लेकिन भाजपा को प्रतिनिधित्व देने का बहाना बनाया गया।”
अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने भाजपा को शामिल किये बिना जम्मू को प्रतिनिधित्व दिया। अब्दुल्ला ने कहा, “हमने पीर पंजाल और जम्मू के निचले इलाकों को प्रतिनिधित्व दिया। आज उपमुख्यमंत्री जम्मू से हैं, वह भी भाजपा के शामिल हुए बिना।”

अब्दुल्ला ने कहा कि वह पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे, लेकिन ऐसा शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे। उन्होंने कहा, “आप कितने युवाओं का खून बहते देखना चाहते हैं? मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं। हम लड़ेंगे, लेकिन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से। हम संविधान और कानून के दायरे में अपने अधिकार हासिल करेंगे, लेकिन मैं यहां के लोगों के घरों में तबाही लाने के लिए तैयार नहीं हूं।”

लद्दाख की स्थिति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां के लोगों ने पांच अगस्त, 2019 के फैसले का जश्न मनाया था, लेकिन अब वे विरोध कर रहे हैं और पूर्ण राज्य का दर्जा तथा छठी अनुसूची का दर्जा मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा, “लद्दाख के लोग अब कह रहे हैं कि उनके साथ जो हुआ वह गलत था। कारगिल के लोगों ने उस फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया, लेकिन देखिए कि लेह में स्थिति कैसे बदल गई। जिन लोगों ने पांच अगस्त, 2019 के फैसले का जश्न मनाया था, वे आज उसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *