पुतिन और किम जोंग उन के बीच रक्षा समझौता

 

सियोल/मॉस्को। रूस और उत्तर कोरिया ने अपने रिश्तों को नई ऊँचाइयों पर ले जाते हुए एक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब रूस यूक्रेन युद्ध के बीच पश्चिमी देशों के भारी दबाव का सामना कर रहा है। समझौते के बाद दोनों देशों ने सैन्य सहयोग को और गहरा करने का संकल्प दोहराया।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच “सैन्य भाईचारा” अब किसी भी हाल में नहीं रुकेगा। सरकारी मीडिया एजेंसी केसीएनए के अनुसार, किम ने यह बयान उन उत्तर कोरियाई सैनिकों को समर्पित एक स्मारक के शिलान्यास समारोह के दौरान दिया, जिन्होंने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में रूसी सेना के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने रूस को यूक्रेन युद्ध में समर्थन देने के लिए सैनिक, गोला-बारूद और मिसाइलें भेजी हैं। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी के अनुसार, अब तक 10,000 से अधिक उत्तर कोरियाई सैनिक रूस की ओर से तैनात किए जा चुके हैं, जिनमें से करीब 2,000 सैनिक मारे गए हैं।

दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “रूस कभी किसी विदेशी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि रूस के अंदर किसी भी तरह का हमला हुआ तो उसका जवाब “गंभीर और जबरदस्त” होगा।

यह रक्षा समझौता वैश्विक भू-राजनीति में एक नया मोड़ माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि यह साझेदारी अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि इससे एशिया और यूरोप दोनों मोर्चों पर रूस को नई सामरिक ताकत मिल सकती है।

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