पश्चिम बंगाल में बीएलओ के विरोध प्रदर्शन के बीच सीईओ कार्यालय के बाहर तनाव

कोलकाता, एक दिसंबर : पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में लगे बीएलओ के एक वर्ग ने गणना प्रक्रिया के दौरान कथित अत्यधिक कार्यभार को लेकर सोमवार को यहां सीईओ कार्यालय के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद अधिकारियों को प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की तैनाती बढ़ानी पड़ी।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रतिनिधिमंडल चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक के लिए वहां पहुंचा तो प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध तेज कर दिया, नारे लगाए और पुलिस बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया।
हालांकि, अधिकारी और कई अन्य भाजपा विधायकों ने अधिकारियों के साथ बैठक जारी रखी।
पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी के दौरे से पहले कई स्तर पर बैरिकेड लगाए थे और अतिरिक्त बल तैनात किया था ।
हालांकि, भाजपा प्रतिनिधिमंडल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय परिसर में प्रवेश करने के कुछ ही मिनट बाद प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें भी ज्ञापन सौंपने के लिए अंदर जाने दिया जाए।
समिति के सदस्य बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के लिए बेहतर कार्य स्थितियों की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से सीईओ कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दोपहर को अपना आंदोलन तेज कर दिया।
समिति के सदस्यों ने विपक्ष के नेता को निशाना बनाते हुए “वापस जाओ” के नारे लगाए, जिससे बाहर एकत्र हुए भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उनकी तीखी बहस शुरू हो गई।
बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के लिए बेहतर कार्य स्थितियों की मांग को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही समिति का आंदोलन सोमवार को तेज हो गया।
बीएलओ फोरम के सदस्य भारी कार्यभार का हवाला देते हुए एसआईआर की समय सीमा में दो महीने का विस्तार तथा मृतक बीएलओ के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि अब तक धरने में वास्तविक बीएलओ की “सीमित भागीदारी” देखी गई थी, लेकिन गतिरोध बढ़ने के साथ भीड़ बढ़ती गई।
सीईओ कार्यालय के अंदर, शुभेंदु अधिकारी ने एक ज्ञापन प्रस्तुत किया और कई मांगें उठार्इं, जिनमें “सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों” को हटाना, एसडीओ रैंक से कम के कर्मी को ईआरओ पद से हटाना और मतदाता सूची से “बांग्लादेशी मुसलमानों” के नाम हटाना शामिल था।
शुभेंदु अधिकारी ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि भाजपा ने 17,111 बूथों से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए हैं और 14 दिसंबर के बाद होने वाली सुनवाई की सख्त निगरानी की मांग की है।
उन्होंने कहा, “आयोग के नियंत्रण कक्ष से लाइव सीसीटीवी निगरानी के बिना कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए।”
शुभेंदु अधिकारी ने सीईओ कार्यालय के बाहर बीएलओ मंच द्वारा किए गए प्रदर्शन को निर्वाचन आयोग के खिलाफ “टीएमसी द्वारा रची गई पटकथा” बताया।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ”विरोध प्रदर्शन से पता चलता है कि तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि यह एसआईआर तुरंत बंद हो जाए, ताकि वह घुसपैठियों वाले अपने वोट बैंक की रक्षा कर सके।’’
जैसे ही शुभेंदु अधिकारी सीईओ कार्यालय से बाहर निकले, बीएलओ प्रदर्शनकारियों ने “चोर चोर” के नारे लगाए, जिसके जवाब में उन्होंने “चोर चोर दूर हटाओ, डाका रानी दूर हटाओ” जैसे नारे लगाए।
चुनाव अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया तथा केवल इतना कहा कि बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हुई।

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