दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लगातार बिगड़ते स्तर को देखते हुए नोएडा प्रशासन ने बुधवार को कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। एनसीआर के अन्य शहरों की तरह नोएडा में भी AQI पिछले कई दिनों से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। प्रशासन ने शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्माण कार्यों पर खास निगरानी शुरू कर दी है।अधिकारियों ने सभी निर्माण साइटों पर एंटी-स्मॉग गन, ग्रीन कवर, और कचरा प्रबंधन सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। नियमों का पालन न करने पर दो बड़ी निर्माण कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया गया है। जिला प्रशासन ने साफ किया है कि धूल-धुआं फैलाने वाली किसी भी गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई होगी। साथ ही, खुले में निर्माण सामग्री रखने, पानी का छिड़काव न करने और कचरा जलाने पर भी सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले पुराने और खराब वाहनों पर भी शिकंजा कसना शुरू किया गया है। पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमें सड़क पर लगातार चेकिंग कर रही हैं, जिससे चालानों की संख्या में वृद्धि हुई है। नोएडा प्राधिकरण ने शहर के मुख्य मार्गों, अंडरपास और बाजार क्षेत्रों में मशीनों से सड़क सफाई और नियमित पानी छिड़काव की व्यवस्था की है।प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की दिशा में बदलाव और हल्की हवा की गति अगले कुछ दिनों में AQI में मामूली सुधार ला सकती है। हालांकि, बड़ा सुधार तभी संभव है जब प्रदूषण स्रोतों पर लगातार और कठोर कार्रवाई जारी रहे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को अनावश्यक बाहर न निकलने, मास्क पहनने और सुबह के समय व्यायाम से बचने की सलाह दी है।नोएडा प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई आने वाले दिनों में प्रदूषण से राहत की उम्मीद तो जगाती है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए लगातार निगरानी और बेहतर शहरी प्रबंधन की आवश्यकता बनी हुई है।
