निर्वाचन आयोग भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा: अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 3 नवंबर । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को धमकाने की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन आयोग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग भाजपा का सहयोगी बन गया है और उसकी निष्पक्षता पर से लोगों का भरोसा उठ रहा है।”

टीएमसी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और निर्वाचन आयोग मिलकर मतदाता सूची से वास्तविक नागरिकों के नाम हटाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे लोगों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। बनर्जी ने दावा किया, “एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है, क्योंकि उन्हें डर था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि भाजपा के कई नेताओं ने बीएलओ को खुलेआम धमकाया है। “हमने उन बयानों के वीडियो क्लिप निर्वाचन आयोग को भेजे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

अभिषेक बनर्जी ने बीएलओ से अपील की कि अगर उन्हें क्षेत्र में काम करते समय कोई परेशानी या दबाव महसूस हो, तो वे केवल निर्वाचन आयोग ही नहीं बल्कि राज्य प्रशासन से भी मदद लें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान का उल्लेख करते हुए—जिसमें कहा गया था कि “जो भारत में पैदा नहीं हुए, उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होगा”—बनर्जी ने पूछा, “क्या भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी या केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर को भी अब अवैध प्रवासी माना जाएगा? इस तर्क से तो पूरा मतुआ समुदाय विदेशी हो जाएगा।”

उन्होंने कहा कि भाजपा का असली मकसद बंगाल में “लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित करना” है। “एसआईआर वास्तव में एनआरसी का पिछला दरवाजा है,” बनर्जी ने कहा।

टीएमसी नेता ने यह भी घोषणा की कि अगर किसी नागरिक को डर है कि उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है, तो तृणमूल कांग्रेस उसे कानूनी सहायता प्रदान करेगी।

बनर्जी ने लोगों से भाजपा द्वारा आयोजित नागरिकता (सीएए) शिविरों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा, “असम में भी लोगों को ऐसे ही बहकाकर नजरबंदी शिविरों में भेज दिया गया था। बंगाल के लोगों को अब इस खेल को समझना होगा।”

उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर एक भी वैध मतदाता का नाम सूची से हटाया गया, तो तृणमूल कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।”

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