नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) – केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में भाजपा के नेता जेपी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए कि वह अपनी चुनावी हार को छिपाने के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर देश को गुमराह कर रही है।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए एसआईआर प्रक्रिया के माध्यम से वोटों की धांधली का झूठा विमर्श पैदा कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि वह समय-समय पर मतदाता सूची को शुद्ध करे, ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से बाहर न रहे और कोई अपात्र मतदाता इसमें शामिल न हो।
नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “पिछले चार महीनों में एसआईआर को लेकर देश में ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की गई है, जैसे कोई धांधली हो रही हो। (बिहार के) चुनाव परिणाम निश्चित रूप से कांग्रेस को तकलीफ दे रहे हैं। हार का असली कारण चुनाव प्रक्रिया नहीं बल्कि पार्टी की अपनी कमजोरी है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह विमर्श केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत करने का प्रयास है, लेकिन यह राष्ट्रीय हित के खिलाफ है। नड्डा ने प्रश्न उठाया कि क्या घुसपैठियों को मतदाता सूची में शामिल होने दिया जाना चाहिए और क्या उन्हें मतदान करने की अनुमति मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि एसआईआर इसी तरह के मुद्दों को पहचानने और भारतीय मतदाताओं के अधिकार की रक्षा करने के लिए आवश्यक है।
नड्डा ने कांग्रेस के पुराने आरोपों को भी याद दिलाया कि जब कांग्रेस ही केंद्र में थी, तब एसआईआर और ईवीएम पर कभी सवाल नहीं उठाए गए। उन्होंने बताया कि एसआईआर 1952 से नियमित रूप से हो रहा है, चाहे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी या राजीव गांधी हों, और 2002 व 2004 में भी यह प्रक्रिया अपनाई गई।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस लगातार ईवीएम और एसआईआर पर सवाल उठाकर अपनी हार का बहाना ढूंढ रही है। 2014 के बाद से आयोग को उनकी ओर से कोई सुझाव नहीं मिला। इसके बजाय उन्होंने संवाददाता सम्मेलनों के माध्यम से निर्वाचन आयोग की छवि खराब करने की कोशिश की।”
नड्डा ने निष्कर्ष निकाला कि एसआईआर कोई नया उपाय नहीं है, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक नियमित हिस्सा है, और विपक्ष इसे लेकर भ्रम फैलाकर केवल अपने राजनीतिक हित साध रहा है।
