लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के लिए धान खरीद प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। सरकार ने इस बार राज्य में 60 लाख मीट्रिक टन (MT) धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है। धान खरीद पश्चिमी यूपी में 1 अक्टूबर से और पूर्वी यूपी में 1 नवंबर से शुरू हुई है। राज्य सरकार का दावा है कि किसानों को समय पर भुगतान, पारदर्शिता और बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए इस बार कई नई व्यवस्थाओं को लागू किया गया है।
खरीद प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जा रही है, जिसके लिए अब तक हजारों किसान पंजीकरण करा चुके हैं। अधिकारी बताते हैं कि किसानों को मंडी आने से पहले स्लॉट बुकिंग की सुविधा दी गई है, ताकि भीड़भाड़ और लंबी कतारों की समस्या से बचा जा सके। खरीद केंद्रों पर तोल मशीनों, गुणवत्ता जांच किट और सुरक्षित भंडारण की व्यवस्थाएं भी मजबूत की जा रही हैं।
राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि किसानों को धान की गुणवत्ता जांच में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही, भुगतान प्रक्रिया को तेज बनाने के लिए खरीद केंद्रों को बैंकिंग सिस्टम के साथ सीधे जोड़ा गया है, जिससे किसानों को 72 घंटे के भीतर भुगतान मिलने की उम्मीद है।
सरकार का कहना है कि इस बार खरीद लक्ष्य बड़ा होने के कारण फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग और सहकारी समितियों को अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। जिलेवार खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है, ताकि दूरदराज के किसानों को भी धान बेचने में सुविधा मिले।
धान उत्पादन उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। ऐसे में बड़े लक्ष्य के साथ शुरू हुई यह खरीद प्रक्रिया किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
