शाहजहांपुर। धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और संभावित अनियमितताओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से जनपद के विभिन्न धान क्रय केंद्रों पर रखे गए धान स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराने के आदेश जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएमओ) बरेली के निर्देश पर की जा रही है। जांच के दायरे में रौजा मंडी सहित जलालाबाद, बंडा मंडी और पुवायां मंडी के कई धान क्रय केंद्र शामिल किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार जनपद में धान की आवक अब लगभग समाप्त हो चुकी है, इसके बावजूद कुछ क्रय केंद्रों पर कागजी खरीद जारी रहने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। आरोप है कि कुछ केंद्र प्रभारियों द्वारा फर्जी किसानों के नाम पर अंगूठा लगवाकर ऑनलाइन खरीद दर्शाई जा रही है, जबकि वास्तविक रूप से उतनी मात्रा में धान केंद्रों पर मौजूद नहीं है। यही नहीं, खरीदे गए धान का राइस मिलों तक परिवहन भी नहीं हो पा रहा है।
बताया जा रहा है कि एफआरके (फॉर्म-आरके) की आपूर्ति समय पर न होने के कारण कई राइस मिलें धान उठान से इनकार कर रही हैं। इस स्थिति में पोर्टल पर दिखाई जा रही खरीद और केंद्रों पर उपलब्ध भौतिक धान के बीच अंतर की आशंका गहराती जा रही है। इसी को लेकर शासन स्तर पर नाराजगी व्यक्त की गई है।
इन गंभीर शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए आरएमओ बरेली ने संबंधित मंडियों के धान क्रय केंद्रों का तत्काल भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से रौजा मंडी क्षेत्र में पीसीएफ (उत्तर प्रदेश सहकारी संघ लिमिटेड) के ढका घनश्यामपुर और मौजमपुर स्थित धान क्रय केंद्रों की गहन जांच की जाएगी।
जिला प्रशासन और खाद्य विभाग के अधिकारी शीघ्र ही संबंधित केंद्रों पर पहुंचकर स्टॉक का मिलान करेंगे। यदि जांच में किसी भी प्रकार की अनियमितता, फर्जीवाड़ा या गड़बड़ी पाई जाती है तो केंद्र प्रभारियों के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीद में किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
