नयी दिल्ली, 19 नवंबर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बुधवार को कहा कि लाल किला के निकट हाल में हुए विस्फोट ने केंद्र सरकार की सुरक्षा नीति पर “गंभीर प्रश्नचिन्ह” खड़ा कर दिया है। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस “चूक” पर संसद के भीतर आकर जल्द जवाब दें।
‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में खुर्शीद ने कहा कि यह घटना केवल एक सुरक्षा विफलता नहीं है, बल्कि मोदी सरकार की “रणनीतिक असफलताओं” का संकेत भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की विदेश नीति अस्थिर और “व्यक्तिगत पसंद-नापसंद” पर आधारित है, जबकि देश को एक स्थिर, दीर्घकालिक और सुविचारित विदेश नीति की आवश्यकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “लाल किले के पास जो हुआ, उसे लेकर हम स्तब्ध हैं। इतने दिनों में सरकार की ओर से एक भी स्पष्ट बयान नहीं आया, जिसमें यह बताया गया हो कि खुफिया विफलता कैसे हुई और इसके क्या निहितार्थ हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार की चुप्पी चिंताजनक है और इससे लोगों व विपक्ष दोनों के मन में संदेह पैदा हो रहा है।
खुर्शीद ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर पारदर्शिता आवश्यक है। उनका कहना था कि आतंकवाद से जुड़े खतरों पर सरकार को विपक्ष को भरोसे में लेना चाहिए, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “अगर विश्वास का संकट है या रणनीतिक संकट है, तो हमारा कर्तव्य है कि सरकार को सही निर्णय लेने दें। लेकिन जो सरकार जनता और विपक्ष पर भरोसा करने को तैयार नहीं, उससे आप क्या अपेक्षा कर सकते हैं?”
उन्होंने पुष्टि की कि कांग्रेस की यह स्पष्ट मांग है कि प्रधानमंत्री संसद में आकर दिल्ली विस्फोट पर विस्तृत जवाब दें। जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी औपचारिक रूप से यह मांग कर रही है, तो उन्होंने कहा, “बिल्कुल—क्या प्रधानमंत्री को ऐसा नहीं करना चाहिए?”
कांग्रेस पहले ही दिल्ली विस्फोट के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर चुकी है। पार्टी ने यह भी आग्रह किया था कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चर्चा के लिए संसद का शीतकालीन सत्र, जो एक दिसंबर से शुरू होना है, उससे पहले बुलाया जाए।
खुर्शीद ने अपनी हालिया संपादित पुस्तक ‘इंडियाज़ ट्रिस्ट विद द वर्ल्ड: ए फॉरेन पॉलिसी मेनिफेस्टो’ का भी उल्लेख किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का लेख शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश और सुरक्षा नीति गंभीर पुनर्विचार की मांग करती है और वर्तमान परिस्थितियाँ इस आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट करती हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश ऐसी घटनाओं को “न्यू नॉर्मल” के रूप में स्वीकार नहीं कर सकता और सरकार को जवाबदेह होना ही होगा।
