दिल्ली की सनातनी सरकार घाटों पर छठ का भव्य आयोजन सुनिश्चित करेगी: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आगामी छठ पूजा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को यमुना के घाटों का निरीक्षण किया और नदी पर नाव की सवारी करके भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सनातनी सरकार नदी के घाटों पर इस त्यौहार के भव्य आयोजन की तैयारी कर रही है।

पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा के साथ आयीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 25 से 28 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले चार दिवसीय छठ महापर्व की समुचित तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि पिछली सरकार की लापरवाही के कारण कई वर्षों से यमुना नदी के किनारे छठ पर्व नहीं मनाया जा रहा था और पूर्वांचली लोगों को नदी से दूर रखा गया।

गुप्ता ने कहा, ”अब एक सनातनी सरकार आ गई है और दिल्ली में छठ का भव्य आयोजन सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। इसलिए हमने तय किया है कि छठ पर्व यमुना किनारे मनाया जाएगा।’’
गुप्ता ने कहा, ”हमने पल्ला से आईटीओ होते हुए वजीराबाद तक नदी के किनारे छठ के लिए अस्थायी घाटों की तैयारी के मकसद से हर बिंदु का निरीक्षण किया। लोगों को छठ मनाने के लिए सबसे अच्छी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।’’

गुप्ता ने पूर्व में घोषणा की थी कि उनकी सरकार द्वारा नदी के दोनों किनारों पर अस्थायी घाट बनाए जाएंगे। बहरहाल, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अदालतों ने यमुना जल में विसर्जन की अनुमति नहीं दी है।
संस्कृति मंत्री मिश्रा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत यमुना मैया के आशीर्वाद से हुई। उन्होंने कहा कि नदी किनारे छठ मनाने का फैसला ऐतिहासिक था।

मिश्रा ने कहा, ”चुनाव के बाद यह पहला छठ पर्व है जो यमुना किनारे मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री के दृढ़ संकल्प के कारण यह संभव हो पाया है हालांकि पहले यह मुश्किल लग रहा था।’’
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यमुना नदी और अन्य क्षेत्रों में अस्थायी व्यवस्था के लिए कम से कम 100 जगहों की पहचान की है और वहां प्रबंध किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि घाटों को तैयार किए जाने की जिम्मेदारी विभाग द्वारा संभाली जाएगी जबकि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) कालिंदी कुंज में हर साल दिखाई देने वाले सफेद झाग को हटाने के लिए कार्य करेगा।
दिवाली के छह दिन बाद छठ महापर्व मनाया जाता है।

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