पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते तीन दिनों से जारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन (landslide) की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें अब तक 24 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जनों लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीमें मौके पर राहत-बचाव कार्य में लगी हैं।दार्जीलिंग, कालिम्पोंग और कुरसियांग के कई इलाकों में सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। पहाड़ी रास्तों पर मिट्टी और पत्थर गिरने से वाहन फँसे हुए हैं, वहीं बिजली और संचार सेवाएँ भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। प्रशासन ने आपात स्थिति को देखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद करने और लोगों को ऊँचाई वाले सुरक्षित इलाकों में जाने की अपील की है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए ₹5 लाख मुआवजा और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है। भारतीय सेना और वायुसेना को भी बचाव कार्यों में लगाया गया है ताकि दूरदराज के इलाकों में फँसे लोगों को निकाला जा सके।मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है। इससे भूस्खलन और बढ़ने की आशंका है। दार्जीलिंग के पहाड़ी इलाकों में अब तक 300 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अनियंत्रित निर्माण और जंगलों की कटाई ने आपदा की स्थिति को और गंभीर बना दिया है।राज्य सरकार ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
