ढाका में खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे विदेश मंत्री जयशंकर

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर  – विदेश मंत्री एस. जयशंकर बुधवार को ढाका में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष रहीं बेगम खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। वह इस अवसर पर भारत सरकार और भारतीय जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जयशंकर 31 दिसंबर को ढाका की यात्रा करेंगे और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। खालिदा जिया का मंगलवार सुबह ढाका में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं।

खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थीं। उन्होंने सैन्य शासन के बाद देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में अहम भूमिका निभाई और दशकों तक बांग्लादेश की राजनीति में केंद्रीय स्थान बनाए रखा। वह दो बार देश की प्रधानमंत्री रहीं और लंबे समय तक बीएनपी का नेतृत्व किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं।”

प्रधानमंत्री ने 2015 में ढाका यात्रा के दौरान खालिदा जिया से हुई मुलाकात को याद करते हुए कहा, “मुझे उनसे हुई सौहार्दपूर्ण बातचीत याद है। हम आशा करते हैं कि उनका दृष्टिकोण और विरासत भारत-बांग्लादेश साझेदारी को आगे भी दिशा देती रहेगी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”

विदेश मंत्री जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और बांग्लादेश के संबंध संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कुछ तनाव देखने को मिला है। भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित हमलों को लेकर अपनी चिंता कई बार जता चुका है।

हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि जयशंकर की यात्रा के दौरान अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक होगी या नहीं। राजनयिक हलकों में इस दौरे को भारत की ओर से बांग्लादेश के प्रति सम्मान और पारंपरिक संबंधों को बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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