वाशिंगटन, 19 नवंबर (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के उन निष्कर्षों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि 2018 में ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की कुछ हद तक संलिप्तता हो सकती है। ट्रंप ने सात साल में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस आए सऊदी अरब के शासक का गर्मजोशी से स्वागत किया।
सऊदी अरब की नीतियों के कटु आलोचक रहे खशोगी की हत्या से एक समय के लिए अमेरिका-सऊदी अरब के रिश्तों में भारी तनाव आ गया था, लेकिन सात साल बाद यह तनाव पूरी तरह दूर होता दिख रहा है और ट्रंप क्राउन प्रिंस को पश्चिम एशिया के भविष्य को आकार देने वाला अहम नेता बता रहे हैं। ट्रंप ने खशोगी को ”बेहद विवादित व्यक्ति’’ बताया और दावा किया कि ”बहुत से लोग उन्हें पसंद नहीं करते थे।’’ प्रिंस मोहम्मद ने खशोगी की हत्या में संलिप्तता से इनकार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रिंस मोहम्मद की उपस्थिति में ओवल आॅफिस में एक पत्रकार के सवाल पर कहा, “पसंद करें या न करें, ऐसी बातें हो जाती हैंङ्घ लेकिन क्राउन प्रिंस को इसके बारे में कुछ पता नहीं था। आप इस तरह का सवाल पूछकर हमारे मेहमान को शर्मिंदा न करें।’’
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने यह निष्कर्ष निकाला था कि इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या के लिए क्राउन प्रिंस ने ही स्वीकृति दी थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने 2021 में यह रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, जिसे ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान जारी करने से बचते रहे थे। प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि खशोगी की हत्या की जांच के लिए सऊदी अरब ने ”सभी सही कदम’’ उठाए।
वहीं, सऊदी अरब ने अमेरिका में निवेश बढ़ाकर एक ट्रिलियन डॉलर करने की घोषणा की, जो पहले घोषित 600 अरब डॉलर से अधिक है। प्रिंस ने अमेरिका को विदेशी निवेश के लिए ”दुनिया का सबसे आकर्षक देश’’ बताया।
ट्रंप ने क्राउन प्रिंस का सैन्य सम्मान के साथ स्वागत किया और व्हाइट हाउस में उनके साथ रात्रि भोज किया, जिसमें कई वैश्विक उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सऊदी अरब को ”प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी’’ का दर्जा भी देने की घोषणा की। इस दौरान दोनों देशों ने एफ-35 लड़ाकू विमानों और लगभग 300 अमेरिकी टैंकों की खरीद सहित कई व्यापारिक और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
