सहारनपुर/जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर पुलिस और सहारनपुर पुलिस के संयुक्त अभियान में एक बड़ा आतंकी खुलासा सामने आया है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में कार्यरत रहे डॉक्टर आदिल अहमद के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने के ठोस सबूत मिले हैं। पुलिस ने अनंतनाग के उसी अस्पताल में स्थित उसके लॉकर से AK-47 राइफल और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। इसके बाद 114 घरों की तलाशी ली गई और 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. आदिल अहमद अक्टूबर 2024 तक जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट के पद पर कार्यरत था। वह कश्मीर में जैश का नेटवर्क फिर से सक्रिय करने की साजिश रच रहा था। पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया, जबकि उसका एक अन्य साथी डॉक्टर जम्मू-कश्मीर के बाहर से पकड़ा गया। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर लाया गया है, जबकि मॉड्यूल का एक और सदस्य अब भी फरार है।
जांच में सामने आया कि आदिल अपने साथियों से कोड नामों के जरिए संपर्क करता था और उसने श्रीनगर के बाहरी इलाकों, विशेष रूप से नौगाम क्षेत्र में जैश के प्रचार पोस्टर लगाने में भी भूमिका निभाई थी। सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर पुलिस को उसकी संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण मिले।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आदिल न केवल जैश की विचारधारा से गहराई से प्रभावित था, बल्कि वह संगठन के लिए भर्ती और प्रचार कार्य भी कर रहा था। पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि उसके पास जैश द्वारा दी गई एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद था, जिसे उसने अनंतनाग के सरकारी अस्पताल के लॉकर में छिपा रखा था।
इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है कि एक सरकारी डॉक्टर जैसे पेशेवर व्यक्ति ने आतंकी नेटवर्क में शामिल होकर अस्पताल जैसी जगह को हथियारों के ठिकाने में बदल दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह मामला जैश नेटवर्क के पुनर्गठन की बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या अन्य अस्पतालों या ठिकानों पर भी हथियारों का जखीरा छिपाया गया है। साथ ही यह भी जांच हो रही है कि डॉ. आदिल के संपर्क पश्चिमी यूपी और दिल्ली-एनसीआर तक फैले थे या नहीं।
फिलहाल श्रीनगर, अनंतनाग और सहारनपुर में लगातार छापेमारी की जा रही है और सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हर व्यक्ति की तलाश में जुटी हैं।
