चिराग पासवान का दावा — “2005 में राजद मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने को तैयार नहीं थी”

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर : लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए कहा कि उनके पिता दिवंगत राम विलास पासवान 2005 में बिहार में एक मुस्लिम नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इसका विरोध किया।

चिराग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा,

“2005 में मेरे नेता, मेरे पिता दिवंगत रामविलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी — तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया। राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं थी, और आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री। अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?”

उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय से अपील की कि वे “बंधुआ वोट बैंक” बनकर न रहें और राजनीतिक भागीदारी के लिए जागरूक बनें।

इस बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने चिराग के दावे का समर्थन किया। उन्होंने कहा,

“यह सच है कि 2005 में राम विलास पासवान ने लालू प्रसाद यादव से मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी। लेकिन लालू जी ने इनकार कर दिया, जिसके चलते सरकार नहीं बन सकी।”

हुसैन ने आरोप लगाया कि आज भी राजद उसी मानसिकता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद अपने लिए रखा है, जबकि मुस्लिम समुदाय की संख्या उनसे कहीं अधिक है। जो महागठबंधन अल्पसंख्यकों का हितैषी होने का दावा करता है, उसने किसी मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तक घोषित नहीं किया।”

उन्होंने कहा, “राजद में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई वास्तविक जगह नहीं है। पार्टी उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है।”

गौरतलब है कि 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव दो बार हुए थे।

फरवरी चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला।

राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी,

जद(यू)-भाजपा गठबंधन को 92 सीटें,

लोजपा को 29 सीटें मिलीं।

उस वक्त राम विलास पासवान ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी केवल मुस्लिम मुख्यमंत्री की शर्त पर समर्थन देगी।

इस असहमति के कारण सरकार नहीं बन सकी और अक्टूबर-नवंबर में फिर से चुनाव हुए।

इस बार राजग (जदयू-भाजपा) को स्पष्ट बहुमत मिला — जद(यू) 88 और भाजपा 55 सीटें जीतकर सत्ता में आई।

राजद को 54 और लोजपा को 19 सीटें मिलीं।

चिराग पासवान का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

 

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