चांदी की बढ़ती कीमतों ने दीवाली पर मिठाइयों की मिठास की कीमत बढ़ाई, GST में राहत के बाद भी नहीं मिला फायदा

दीवाली जैसे बड़े त्योहार पर जहां मिठाइयों की मिठास खुशियों को दोगुना कर देती है, वहीं इस बार चांदी की बढ़ती कीमतों ने मिठाई बाजार की मिठास को फीका कर दिया है। हालांकि सरकार ने मिठाइयों पर लगने वाले जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन चांदी वर्क की कीमतों में हुई भारी वृद्धि ने दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

इस समय चांदी की कीमत लगभग 1.9 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी है। इसके चलते चांदी वर्क, जो खासकर काजू कतली, बर्फी और अन्य खास मिठाइयों पर सजावट के लिए उपयोग होता है, उसकी कीमतों में 10-15 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया है। इसका सीधा असर मिठाइयों की लागत पर पड़ा है।

कुछ मिठाई विक्रेता अब बिना चांदी वर्क के ही मिठाइयां बना रहे हैं। दिल्ली के “खोया मिठाई” के मालिक सिड माथुर बताते हैं कि चांदी वर्क की बढ़ी कीमतों को देखते हुए उन्होंने इस बार बिना वर्क वाली मिठाइयों को प्राथमिकता दी है। वहीं मुंबई की जानी-मानी पारसी डेरी फर्म के एमडी बख्तियार के ईरानी का कहना है कि वे मिठाइयों की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे, भले ही चांदी वर्क की लागत में इजाफा हुआ हो।

ग्राहक भी इस बार कीमतों को लेकर असमंजस में हैं। जहां एक ओर जीएसटी में कमी से सस्ता मिठाई खरीदने का अनुमान था, वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमतें उस राहत को पूरी तरह बेअसर कर रही हैं।

त्योहार के इस सीजन में मिठाई विक्रेताओं को संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। कुछ स्वाद के साथ समझौता कर रहे हैं तो कुछ लाभ में कटौती कर रहे हैं। ऐसे में इस बार दीवाली की मिठास पहले जैसी नहीं रह पाएगी।

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