चरणबद्ध तरीके से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारी में जुटा चुनाव आयोग, अगले साल चुनाव वाले राज्यों से हो सकती है शुरुआत

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर — निर्वाचन आयोग पूरे देश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इसकी शुरुआत उन राज्यों से हो सकती है जहां 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, जैसे कि असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी।

हालांकि, उन राज्यों को इस प्रक्रिया से फिलहाल बाहर रखा जाएगा जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं, क्योंकि वहां की चुनावी मशीनरी पहले से ही व्यस्त है और एसआईआर पर पूरा ध्यान देना संभव नहीं होगा।

चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है। इसके तहत पुराने दस्तावेजों और जन्म स्थान की पुष्टि के आधार पर मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिससे अवैध विदेशी प्रवासियों को सूची से हटाया जा सके।

बिहार इस दिशा में पहला राज्य बन गया है, जहां यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहां 30 सितंबर को लगभग 7.42 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची प्रकाशित की गई। निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष 24 जून को बिहार में एसआईआर की शुरुआत करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर इसे लागू करने की योजना का ऐलान किया था।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में कहा था कि सभी राज्यों में एसआईआर को लेकर काम जारी है और अंतिम निर्णय तीनों आयुक्तों की बैठक के बाद लिया जाएगा।

चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिया है कि वे पिछली एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूचियां तैयार रखें। इनमें से कई सीईओ ने अपनी-अपनी वेबसाइटों पर पुरानी मतदाता सूचियां पहले ही डाल दी हैं। उदाहरणस्वरूप, दिल्ली की वेबसाइट पर 2008 की सूची और उत्तराखंड की वेबसाइट पर 2006 की सूची उपलब्ध है।

इन सूचियों को एसआईआर प्रक्रिया में कट-ऑफ डेट के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जैसे बिहार में 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाया गया था। अधिकांश राज्यों में पिछली बार मतदाता सूची का पुनरीक्षण 2002 से 2004 के बीच हुआ था।

एसआईआर को कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार के अवैध प्रवासियों की पहचान और निष्कासन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके जरिए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में केवल वैध नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास है। आयोग जल्द ही राज्यों को एसआईआर लागू करने के लिए तिथि घोषित कर सकता है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *