अमरेली (गुजरात): गुजरात के अमरेली शहर की एक सत्र अदालत ने गोहत्या के मामले में तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर 18 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार यह राज्य का पहला मामला है, जिसमें गोहत्या के आरोप में तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गई।
विशेष सरकारी वकील चंद्रेश मेहता ने बताया कि सत्र न्यायाधीश रिजवाना बुखारी ने मंगलवार को कासिम हाजी सोलंकी, सत्तार इस्माइल सोलंकी और अकरम हाजी सोलंकी को गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2017 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर कुल 18 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मामले के अनुसार, 2023 में अमरेली पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग गायों को पकड़कर उनका वध कर गोमांस बेच रहे हैं। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शहर के एक मकान पर छापा मारा और मौके से 40 किलो गोमांस, वध की गई गायों के अंग और वध में इस्तेमाल उपकरण बरामद किए। कासिम सोलंकी को तुरंत गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य दो आरोपी भाग गए थे, लेकिन बाद में पकड़े गए।
अदालत ने गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम की धारा 5 के तहत तीनों को दोषी करार देते हुए प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, धारा 6 (बी) के तहत प्रत्येक को सात साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी दिया गया। आरोपियों को कुछ जानवरों को मारने, जहर देने और अपंग बनाने से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत भी दोषी ठहराया गया।
गुजरात सरकार ने इस फैसले की सराहना की। सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार गोरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और गोहत्या जैसे अपराधों पर कोई दया नहीं दिखाएगी। वघानी ने बताया कि गाय भारतीय संस्कृति और आस्था का केंद्र है और इस फैसले से भविष्य में गोहत्या के मामलों में सावधानी बढ़ेगी।
गौरतलब है कि गुजरात में 2011 में गोहत्या के खिलाफ कानून पारित किया गया था, जिसे 2017 में संशोधित कर आजीवन कारावास का प्रावधान जोड़ दिया गया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि गोहत्या के अपराधियों को कानूनी ढंग से कड़ा सबक सिखाया जाएगा।
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