गाजा संघर्ष पर विराम: इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता लागू, ट्रंप योजना बनी आधार

तेल अवीव/गाजा, 10 अक्टूबर — गाजा पट्टी में लंबे समय से जारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए इजराइल और हमास के बीच शुक्रवार को युद्धविराम समझौता लागू हो गया। इजराइली सेना के मुताबिक, यह समझौता स्थानीय समयानुसार दोपहर से प्रभावी हो गया है, और सैनिक अब सहमति वाले स्थानों पर लौट रहे हैं।

यह घोषणा इजराइली मंत्रिमंडल द्वारा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता योजना को मंजूरी देने के कुछ घंटों बाद आई। इस योजना में बंधकों की रिहाई, इजराइली सैनिकों की वापसी और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई जैसे संवेदनशील मुद्दों को शामिल किया गया है।

हालांकि युद्धविराम की घोषणा हो चुकी है, लेकिन गाजा में जमीनी हालात पूरी तरह शांत नहीं हुए हैं। स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार तड़के तक गाजा के विभिन्न इलाकों में गोलाबारी और बमबारी की सूचना दी। मध्य गाजा के नुसेरात शिविर में रह रहे विस्थापित महमूद शार्कावी ने बताया कि “आज गोलाबारी में काफी वृद्धि हुई है”, जबकि उत्तरी गाजा के नागरिकों ने भी रातभर हमले जारी रहने की बात कही।

शिफा अस्पताल के प्रबंध निदेशक रामी महन्ना ने कहा कि भले ही कैबिनेट ने योजना को मंजूरी दे दी है, पर गोलाबारी में कोई ठहराव नहीं दिखा। गाजा निवासी हेबा गरौन ने इसे “भ्रमित करने वाला” करार देते हुए कहा कि “हम पूरी रात गोलाबारी की आवाजें सुनते रहे।”

हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या ने बृहस्पतिवार को समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि इजराइल लगभग 2,000 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, मिस्र की सीमा खोलेगा और मानवीय सहायता को अनुमति देगा। सभी महिला और बाल कैदियों की रिहाई की भी पुष्टि की गई है।

अल-हय्या ने कहा कि इस समझौते के बाद फलस्तीनियों की आत्मनिर्णय और राष्ट्र स्थापना की दिशा में प्रयास तेज किए जाएंगे। उन्होंने ट्रंप प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों को युद्ध समाप्ति का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद भी दिया।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिका लगभग 200 सैनिकों को इजराइल भेजेगा ताकि युद्धविराम की निगरानी और समर्थन सुनिश्चित किया जा सके।

यह समझौता दो वर्षों से जारी उस विनाशकारी युद्ध को रोकने की कोशिश है, जिसने न केवल हजारों जानें लीं, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया को अस्थिर कर दिया। अब यह देखना होगा कि क्या यह युद्धविराम स्थायी शांति की ओर पहला कदम साबित हो सकता है।

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