खंडपीठ ने 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति समाप्त करने का आदेश रद्द किया

कोलकाता, तीन दिसंबर :  कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बुधवार को एकल पीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल में 32,000 प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था।
इन शिक्षकों की भर्ती पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 2014 के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पैनल के माध्यम से 2016 में की गई थी।
न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति रीताब्रत कुमार मित्रा की पीठ ने कहा कि वह एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि सभी भर्तियों में अनियमितताएं साबित नहीं हुई हैं।
अदालत ने कहा कि नौ वर्ष के बाद नौकरी समाप्त करने से प्राथमिक शिक्षकों और उनके परिवारों पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पीठ ने कहा कि सीबीआई, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया था, ने शुरू में 264 नियुक्तियों की पहचान की थी, जिनमें एक अतिरिक्त अंक देने के रूप में अनियमितताएं हुई थीं।
अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी को अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि यह चिह्न बाहरी संस्थाओं के निर्देश पर दिया गया था।
पहचाने गए उम्मीदवारों के अलावा, 96 अन्य शिक्षकों के नाम भी एजेंसी की जांच के दायरे में आए, जिनकी नौकरियां बाद में उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत बहाल कर दी गर्इं।
अदालत ने कहा कि उपरोक्त साक्ष्य संपूर्ण चयन प्रक्रिया को रद्द करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं बनाते हैं।
भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को चुनौती देते हुए पीड़ित उम्मीदवारों के एक समूह ने एकल पीठ का रुख किया था। उनके वकीलों ने खंडपीठ के फैसले के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया।
तत्कालीन न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने 12 मई, 2023 को इन 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने चयन प्रक्रिया में धोखाधड़ी की है और राज्य सरकार द्वारा संचालित तथा सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमों का पालन नहीं किया है।
अपने आदेश में एकल पीठ ने अनिवार्य योग्यता परीक्षा आयोजित किए बिना शिक्षकों के एक वर्ग की भर्ती की संभावना की ओर इशारा किया था, जिस पर खंडपीठ ने कहा कि जांच एजेंसी के पास अभी तक ठोस सबूत नहीं हैं।

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