कोलकाता, 11 दिसंबर—पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में हाल ही में आयोजित गीता पाठ कार्यक्रम में दो खाद्य विक्रेताओं पर हमले को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह की धमकियां और धार्मिक विभाजन बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
ममता ने कहा, ‘‘यह पश्चिम बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। किसी को यह तय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी कि लोगों को क्या खाना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गरीब फेरीवालों पर हमला करने वालों को छोड़ने का सवाल ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी आरोपियों को कुछ ही घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया।
एसआईआर और चुनाव से जोड़कर आरोप
मुख्यमंत्री ने इस घटना को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि ‘‘एसआईआर से लेकर गरीब विक्रेताओं के उत्पीड़न तक सब कुछ चुनाव से पहले भाजपा की साजिश का हिस्सा है।’’
भाजपा पर सांप्रदायिक विभाजन का आरोप
ममता ने भाजपा पर राज्य में सांप्रदायिक विभाजन की संस्कृति बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मैं धर्म के नाम पर घृणा या विभाजन में विश्वास नहीं करती। धर्म का अर्थ मानवता, शांति और इरादों की पवित्रता है।’’
भाषा और संस्कृति पर हमला
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल पर कब्जा करना चाहती है और बंगाली भाषा बोलने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘‘कई राज्यों में बंगाली लोगों को केवल अपनी मातृभाषा बोलने के कारण परेशान किया जा रहा है, यहां तक कि कुछ को बांग्लादेश भेज दिया गया।’’
बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को लेकर आरोप
बनर्जी ने कहा कि भाजपा बंगाल की हस्तियों और इतिहास को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘‘वंदे मातरम् के लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को अब ‘बंकिम दा’ कहा जा रहा है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को राष्ट्रीय नेता मानने से इंकार किया जा रहा है, और कई अन्य बंगाली नेताओं और शिक्षाविदों का अपमान किया जा रहा है।’’
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं की रक्षा करेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि ‘‘भाजपा मांसाहार पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर सकती है, लेकिन हम किसी को आदिवासी, अल्पसंख्यक या भूमिहीन मजदूरों के मामलों में दखल देने की अनुमति नहीं देंगे।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कोई निरुद्ध केंद्र (डिटेंशन सेंटर) नहीं खोला जाएगा।
पुलिस कार्रवाई
कोलकाता पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने गीता पाठ कार्यक्रम में उपस्थित दो फेरीवालों का सामान फेंक दिया और उन्हें उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया। शिकायतकर्ता कोलकाता के टॉपसिया और हुगली जिले के आरामबाग इलाके के निवासी हैं।
मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के प्रति उनके सख्त रुख को दर्शाता है।
