कोडीन कफ सिरप से उत्तर प्रदेश में एक भी मौत नहीं हुई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

कोडीन कफ सिरप से उत्तर प्रदेश में एक भी मौत नहीं हुई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 22 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि राज्य में कोडीन कफ सिरप के सेवन से अब तक एक भी मौत का मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे द्वारा नकली दवाओं और कोडीन सिरप से मौतों के लगाए गए आरोपों को पूरी तरह खारिज किया।

सदन की कार्यवाही के दौरान इस मुद्दे पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, “जब कोई मुद्दा बेवजह उठाया जाता है तो ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ वाली कहावत याद आ जाती है।” योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश में आज तक नकली दवाओं या कोडीन सिरप से मौत का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कोडीन सिरप को अवैध रूप से अन्य राज्यों या देशों में भेजने के मामलों में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) समय-समय पर छापेमारी कर दोषी कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है।

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कोडीन सिरप से जुड़े सबसे बड़े थोक विक्रेता को पहली बार 2016 में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और उसे लाइसेंस सपा सरकार के कार्यकाल में दिया गया था। उन्होंने कहा कि जब इस तरह के मामले राष्ट्रीय स्तर पर उजागर होते हैं तो कुछ लोग देश छोड़कर भाग जाते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में कोडीन सिरप का उत्पादन नहीं होता है, बल्कि यहां केवल इसका भंडारण और थोक व्यापार होता है। इसका निर्माण हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में होता है। जिन मौतों की चर्चा हो रही है, वे अन्य राज्यों से जुड़ी हैं और तमिलनाडु में निर्मित सिरप से संबंधित बताई गई हैं।

उन्होंने इस पूरे प्रकरण को मिलावट का नहीं, बल्कि अवैध रूप से दवाओं की हेराफेरी का मामला बताया। मुख्यमंत्री के अनुसार सहारनपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर जैसे जिलों के कुछ थोक व्यापारी सिरप को उन राज्यों और देशों में भेज रहे हैं, जहां इस पर प्रतिबंध है, जिससे इसका दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोडीन कफ सिरप का सेवन बिना चिकित्सकीय सलाह के नहीं किया जा सकता, विशेषकर बच्चों द्वारा।

अब तक की कार्रवाई का ब्योरा देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले में 79 केस दर्ज किए गए हैं, 225 लोगों को नामजद किया गया है और 78 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 134 फर्मों पर छापेमारी की गई है और एसटीएफ इस पूरे रैकेट से जुड़े लेन-देन की गहन जांच कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जांच में समाजवादी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों से जुड़े तार सामने आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “चिंता न करें, समय आने पर बुलडोजर जैसी कार्रवाई भी की जाएगी।”

बाद में जारी एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले का कथित सरगना आलोक सिपाही समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक अन्य आरोपी अमित यादव की तस्वीर अखिलेश यादव के साथ है और वह सपा की युवजन सभा से जुड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोडीन कफ सिरप प्रकरण की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है और जल्द ही पूरे मामले का सच सामने लाया जाएगा।

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