केजरीवाल के लिए नवीनीकृत विवादास्पद बंगला अब बनेगा राज्य अतिथिगृह, आम जनता के लिए खुलेगी कैंटीन

नयी दिल्ली, 4 अक्टूबर :दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों के केंद्र में रहे उस आलीशान सरकारी बंगले को राजकीय अतिथिगृह में बदलने की योजना बना रही है, जिसका जीर्णोद्धार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए उनके कार्यकाल के दौरान कराया गया था। सिविल लाइंस स्थित फ्लैगस्टाफ रोड पर बंगला नंबर-6, अब एक ऐसी जगह बनने जा रहा है जहाँ आम लोग भी कैंटीन का लाभ उठा सकेंगे और पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।

शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि इस बंगले को अन्य राज्य अतिथिगृहों की तरह विकसित किया जाएगा, जिसमें एक भोजनालय (कैंटीन), प्रतीक्षालय, पार्किंग सुविधा और अन्य आवश्यक ढांचागत व्यवस्थाएँ शामिल होंगी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया,

“सरकार इस खाली पड़े बंगले को अतिथिगृह में तब्दील करने के कार्य को अंतिम रूप देने के करीब है। यह वही बंगला है जो पूर्व मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास के रूप में इस्तेमाल होता था। योजना के अनुसार, यहाँ ठहरने वाले अधिकारियों व गणमान्य व्यक्तियों से भी अन्य अतिथिगृहों की तरह किराया लिया जाएगा।”

अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रस्ताव को लागू करने से पहले इसे उच्च स्तर पर अंतिम मंजूरी मिलनी शेष है।

फिलहाल, बंगले की देखरेख के लिए लगभग 10 कर्मचारी तैनात हैं, जो रोजाना सफाई, रखरखाव और बिजली के उपकरणों जैसे रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर आदि की नियमित जांच में लगे हैं।

 विवाद की पृष्ठभूमि:

यह वही बंगला है जो केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते हुए भव्य नवीनीकरण के चलते चर्चा में आया था। इस पर कथित तौर पर सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप लगे थे और इसे लेकर भाजपा ने कड़ा विरोध जताते हुए इसे “शीश महल” की संज्ञा दी थी। पार्टी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए कहा था कि उनके मुख्यमंत्री इस बंगले में कभी नहीं रहेंगे।

2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने PWD द्वारा की गई अनियमितताओं और बढ़ती लागत को लेकर जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने इसकी जांच शुरू की थी।

वर्तमान में, CBI इस मामले की जांच कर रही है। यह जांच भाजपा नेता और तत्कालीन विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर शुरू हुई थी, जो उन्होंने दिसंबर 2024 में उपराज्यपाल को सौंपी थी।

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