नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं द्वारा पूर्व पार्टी अध्यक्ष सीताराम केसरी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दिए जाने को लेकर विपक्षी दल पर तीखा हमला बोला। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को “मूर्ख बनाने” के लिए केसरी के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का दिखावा कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने आज दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय 24, अकबर रोड पर केसरी की 25वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि 1998 में कांग्रेस कार्यसमिति ने केसरी को अध्यक्ष पद से हटा दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान संभाली थी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “समय बड़ा बलवान है।”
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “कांग्रेस के प्रथम परिवार के निर्देश पर कभी सीताराम केसरी का अपमान किया गया — उनकी धोती तक फाड़ दी गई, ताकि सोनिया गांधी के लिए गद्दी खाली कराई जा सके। अब राहुल गांधी केवल बिहार चुनाव के कारण उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।”

पूनावाला ने राहुल गांधी पर “राजनीतिक पाखंड” का आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल चुनावी मजबूरी में ओबीसी नेता केसरी को याद कर रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया, “वे किसे बेवकूफ बना रहे हैं? उन्होंने दशरथ मांझी के बेटे के साथ क्या किया? भगत सिंह की तुलना हमास से की — क्या यह सम्मान है?”
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि “राहुल गांधी और कांग्रेस को बिहारियों और ओबीसी समाज से गहरी नफरत है।”
उन्होंने पूछा, “क्या राहुल गांधी ने कभी द्रमुक या रेवंत रेड्डी की बिहार विरोधी टिप्पणियों की निंदा की? क्या उन्होंने कांग्रेस द्वारा बिहार को ‘बीड़ी’ कहे जाने पर कुछ कहा? या फिर कांग्रेस-राजद नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणियों की भर्त्सना की?”
भाजपा के आईटी विभाग प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “क्या राहुल गांधी को याद दिलाना पड़ेगा कि किस तरह बिहार के वरिष्ठ ओबीसी नेता और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने तक बाथरूम में बंद कर दिया गया था?”
बिहार के रहने वाले सीताराम केसरी 1996 से 1998 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वह कांग्रेस संगठन में लंबे समय तक सक्रिय रहे और 1973 में बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा 1980 में एआईसीसी के कोषाध्यक्ष बने। उन्होंने कई प्रमुख नेताओं के साथ काम किया, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद भी शामिल थे।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव दो चरणों — 6 और 11 नवंबर — को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस की “सहानुभूति राजनीति” केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है और इसका उद्देश्य ओबीसी मतदाताओं को लुभाना है।
