कांग्रेस का भाजपा पर आरोप: ‘वंदे मातरम’ की वर्षगांठ का राजनीतिक ध्रुवीकरण और पाखंडी राष्ट्रवाद के लिए दुरुपयोग

मुंबई, 7 नवंबर: महाराष्ट्र कांग्रेस ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर का “राजनीतिक ध्रुवीकरण” और “पाखंडी राष्ट्रवाद” के लिए दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा देश की एकता से जुड़े इस ऐतिहासिक अवसर को सांप्रदायिक रंग देकर अपनी विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रही है।

‘वंदे मातरम’, जिसे बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को पहली बार साहित्यिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में प्रकाशित किया था, बाद में उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ (1882) का हिस्सा बना। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया था।

कांग्रेस ने भाजपा के उन आरोपों को “झूठा और शर्मनाक” बताया जिनमें दावा किया गया था कि उसके विधायक ‘वंदे मातरम’ गाने का विरोध कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि कांग्रेस विधायक असलम शेख और अमीन पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें इस गीत पर कोई आपत्ति नहीं है। सावंत ने कहा, “अगर भाजपा नेता वंदे मातरम गाना चाहते हैं, तो वे हमारे कार्यालयों में आकर गा सकते हैं, बाहर तमाशा करने के लिए नहीं।”

उन्होंने भाजपा पर जानबूझकर मुस्लिम विधायकों को निशाना बनाकर धार्मिक ध्रुवीकरण भड़काने का आरोप लगाया। सावंत ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा राष्ट्रीय गौरव से जुड़े मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। देश जहां ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, वहीं भाजपा इस अवसर का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित साधने और ‘राष्ट्रवाद के ढोंग’ के लिए कर रही है।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि “वंदे मातरम कांग्रेस की आत्मा का हिस्सा है।” उन्होंने कहा, “हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ इसे साहसपूर्वक गाया, जब आज की सत्ताधारी पार्टी की विचारधारा स्वतंत्रता संग्राम से दूर थी। जो लोग कभी संविधान का विरोध करते थे, तिरंगे को अशुभ कहते थे और दशकों तक उसे फहराने से इनकार करते थे, वे अब खुद को एकमात्र देशभक्त बताते हैं।”

सावंत ने आगे कहा कि “वंदे मातरम हमारे लिए बलिदान और गौरव का गीत है, जबकि भाजपा के लिए यह सिर्फ एक चुनावी नारा बन गया है। वे सार्वजनिक रूप से वंदे मातरम का नारा लगाते हैं, लेकिन अपने दिलों में संविधान विरोधी गीत ‘नमस्ते सदा वत्सले’ को पूजते हैं।”

मुंबई के मुंबादेवी से कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भाजपा कार्यकर्ता उनके कार्यालय के बाहर राष्ट्रगीत गाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर वे वंदे मातरम गाने आते हैं, तो मैं उनका जलपान के साथ स्वागत करूंगा। कांग्रेस को देशभक्ति सिखाने की जरूरत नहीं है। भाजपा को वंदे मातरम की याद सिर्फ चुनाव नजदीक आने पर आती है।”

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा को राष्ट्रगीत का राजनीतिक हथियार बनाने के बजाय इसके मूल संदेश — एकता, त्याग और देशभक्ति — का सम्मान करना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहे – https://readnownews.in/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *