कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं ने किया शोषण का खुलासा, DM ने वार्डन को किया निलंबित

          रात में संदिग्धों की आवाजाही, धमकी और मारपीट के आरोप, जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला अधिकारियों की टीम गठित

लखनऊ, 5 अक्टूबर: राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के खुजौली गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विद्यालय की छात्राओं ने वार्डन और प्रिंसिपल पर मानसिक और शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को तहसील समाधान दिवस के मौके पर विद्यालय की कई छात्राएं रोते हुए जिलाधिकारी विशाख जी के पास पहुंचीं और आपबीती सुनाई।

छात्राओं ने बताया कि विद्यालय परिसर में रात के समय बाहरी संदिग्ध लोग आते हैं और इस बात का विरोध करने या जानकारी बाहर देने पर उन्हें पीटा जाता है। कुछ छात्राओं के शरीर पर चोट के निशान भी देखे गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वार्डन और प्रिंसिपल उन्हें धमकाती हैं कि यदि किसी ने कुछ बताया तो उन्हें मार दिया जाएगा और किसी को भनक तक नहीं लगेगी।

छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में न तो खाने-पीने की सही व्यवस्था है और न ही साफ-सफाई। उनसे झाड़ू-पोंछा और शौचालय साफ करवाया जाता है। नवरात्रि और दशहरे की छुट्टियों में जब छात्राएं घर पहुंचीं तो उन्होंने अपने परिजनों को चोटों के निशान दिखाए और पूरा मामला बताया। इसके बाद अभिभावक भी समाधान दिवस में पहुंचे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

इस गंभीर मामले पर जिलाधिकारी विशाख जी ने तत्परता दिखाते हुए वार्डन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला अधिकारियों की विशेष टीम गठित की गई है। टीम में एडीएम सिविल सप्लाई ज्योति गौतम, एसीएम-6 और एआर कोऑपरेटिव वैशाली सिंह शामिल हैं। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वे बंद कमरे में छात्राओं के बयान दर्ज करें और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही बीएसए और महिला नायब तहसीलदार को भी निगरानी और जांच का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जांच के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, वे अपनी बच्चियों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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