लखनऊ। चुनाव आयोग ने एक बार फिर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम की तिथियों में संशोधन कर दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि संशोधित कार्यक्रम के अनुसार अब कच्ची मतदाता सूची का प्रकाशन 6 जनवरी को किया जाएगा। इससे पहले यह तिथि 31 दिसंबर निर्धारित की गई थी।
सीईओ के अनुसार, अब दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 6 जनवरी से 6 फरवरी तक रहेगी, जबकि पहले यह प्रक्रिया 16 दिसंबर से 15 जनवरी तक तय थी। इसके साथ ही 6 जनवरी से 27 फरवरी तक नोटिस चरण, गणना प्रपत्रों पर निर्णय तथा दावे-आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 6 मार्च को किया जाएगा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 27 अक्तूबर को एसआईआर कराने की घोषणा की थी। इसके बाद 30 नवंबर और 11 दिसंबर को कार्यक्रम में संशोधन किया गया और मंगलवार को तीसरी बार समय सीमा बढ़ाई गई। आयोग यह पुनरीक्षण 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानकर करवा रहा है।
बीएलओ पर बढ़ी जिम्मेदारी
एसआईआर के तहत प्रत्येक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को अपने क्षेत्र के मतदाताओं के घर-घर जाकर एसआईआर फॉर्म की दो प्रतियां उपलब्ध करानी होंगी। दोनों प्रतियां मतदाता द्वारा भरी जाएंगी। इनमें से एक प्रति बीएलओ के पास जमा रहेगी, जबकि दूसरी प्रति मतदाता को दी जाएगी। मतदाता को दी जाने वाली प्रति पर बीएलओ के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। दोनों फॉर्म पर फोटो लगाना भी जरूरी होगा।
फॉर्म भरते समय इन बातों का रखें ध्यान
मतदाताओं को फॉर्म में मोबाइल नंबर स्पष्ट और सही लिखने, जन्मतिथि और ईपीआईसी नंबर की पुष्टि करने की सलाह दी गई है। आधार नंबर देना वैकल्पिक है, इसे अनिवार्य नहीं किया गया है। साथ ही मतदाता को अपने पास रहने वाली फॉर्म की प्रति सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
क्यों जरूरी है एसआईआर
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर फॉर्म भरकर जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा मतदाता सूची से नाम हटने का खतरा हो सकता है। इस प्रक्रिया के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक व्यक्ति का नाम केवल एक ही मतदाता सूची में दर्ज रहे और डुप्लीकेट व फर्जी मतदाताओं को हटाया जा सके।
घर से दूर रहने वाले मतदाताओं के लिए निर्देश
जो मतदाता वर्तमान में अपने निवास स्थान से बाहर रह रहे हैं, उन्हें अपने संबंधित बीएलओ से संपर्क कर एसआईआर फॉर्म प्राप्त करने की सलाह दी गई है।
लखनऊ के आंकड़े
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कुल मतदाता: 39,94,535
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कुल बीएलओ: 3,789
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वितरित किए गए फॉर्म: 99.31 प्रतिशत
