एमसीजी पिच विवाद पर घमासान, पीटरसन–कार्तिक के तंज, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मानी चिंता

एमसीजी पिच विवाद पर घमासान, पीटरसन–कार्तिक के तंज, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मानी चिंता

मेलबर्न, 27 दिसंबर ।मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) की पिच को लेकर एशेज सीरीज के दौरान बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट में गेंदबाजों के लिए अत्यधिक अनुकूल पिच पर दो दिनों में 36 विकेट गिरने के बाद पूर्व क्रिकेटरों और क्रिकेट प्रशासकों ने सवाल उठाए हैं।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन और भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दोहरे मापदंडों की ओर इशारा किया। पीटरसन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत में अगर टेस्ट के पहले दिन ज्यादा विकेट गिरते हैं तो पिच और स्पिनरों की कड़ी आलोचना होती है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया को भी उसी तरह की आलोचना का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय सभी के लिए समान होना चाहिए।

एमसीजी की पिच पर करीब 10 मिलीमीटर घास छोड़े जाने से तेज गेंदबाजों को जबरदस्त मदद मिली, जिससे बल्लेबाजी बेहद मुश्किल हो गई। इस टेस्ट में पहले दिन 20 और दूसरे दिन 16 विकेट गिरे और मुकाबला दूसरे दिन ही समाप्त हो गया। इंग्लैंड ने यह मैच चार विकेट से जीत लिया। मौजूदा एशेज सीरीज में अब तक चार टेस्ट कुल मिलाकर सिर्फ 13 दिनों में खत्म हो चुके हैं, जबकि पर्थ में खेला गया पहला टेस्ट भी दो दिन में ही समाप्त हो गया था।

दिनेश कार्तिक ने कहा कि एमसीजी की पिच देखने में साधारण लग रही थी, लेकिन यह हैरान करने वाला है कि चार में से दो एशेज टेस्ट महज दो दिन में खत्म हो गए। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी चर्चा के बावजूद पूरी सीरीज इतने कम दिनों में कैसे समाप्त हो गई।

पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन ने भी पिच की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि 98 ओवरों में 26 विकेट गिरना खिलाड़ियों, प्रसारकों और प्रशंसकों—तीनों के लिए खेल के साथ नाइंसाफी है। वहीं भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि डेढ़ दिन के टेस्ट में स्पिनरों का एक भी ओवर न करना सोचने पर मजबूर करता है, और अगर ऐसा उपमहाद्वीप में होता तो भारी बवाल मच जाता।

मामले की गंभीरता को देखते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉड ग्रीनबर्ग ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कम अवधि में खत्म होने वाले टेस्ट मैच क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छे नहीं हैं। ग्रीनबर्ग ने संकेत दिए कि सीए भविष्य में पिच की तैयारी को लेकर अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इसका खेल के साथ-साथ व्यावसायिक पक्ष पर भी असर पड़ता है।

एमसीजी पिच विवाद ने एक बार फिर यह बहस तेज कर दी है कि क्या तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिचों को उतनी ही आलोचना मिलती है, जितनी उपमहाद्वीप की स्पिन-अनुकूल पिचों को—और क्या टेस्ट क्रिकेट के संतुलन पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।

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