नयी दिल्ली, 3 नवंबर । अहमदाबाद स्थित मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस (एमआईसीए) ने कंटेंट क्रिएटर्स और डिजिटल मार्केटिंग पेशेवरों के लिए अपनी तरह का पहला “सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रोग्राम” लॉन्च किया है। यह कार्यक्रम सोशल मीडिया पर प्रभाव डालने की कला, व्यवसाय, रणनीति और उसकी दीर्घकालिक सफलता को समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह 25 सप्ताह का पाठ्यक्रम अकादमिक ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण का मिश्रण होगा। इसका उद्देश्य कंटेंट निर्माताओं, उद्यमियों और विज्ञापनदाताओं को एक मजबूत और टिकाऊ ‘पर्सनल ब्रांड’ विकसित करने में मदद करना है।
एमआईसीए की कार्यक्रम निदेशक और प्रख्यात डिजिटल कहानीकार फाल्गुनी वसावदा ने कहा, “क्रिएटर इकोनॉमी अब एक चलन नहीं, बल्कि 250 अरब अमेरिकी डॉलर का वैश्विक उद्योग है, जो तेजी से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में सिर्फ रचनात्मकता ही पर्याप्त नहीं है — सफलता के लिए स्पष्ट रणनीति और व्यावसायिक समझ जरूरी है।”
वसावदा ने बताया, “यह कार्यक्रम इस सोच पर आधारित है कि प्रभाव (influence) भाग्य से नहीं, बल्कि रणनीति से बनता है। बहुत लोग कंटेंट बना लेते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अपने प्रभाव को बनाए रखते हुए उसे स्थायी आय में कैसे बदला जाए।”
उन्होंने कहा कि यह कोर्स शिक्षार्थियों को संरचित शिक्षा, विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और वास्तविक दुनिया का अनुभव प्रदान करेगा, ताकि वे सोशल मीडिया पर एक स्थायी और जिम्मेदार पहचान बना सकें।
वसावदा के साथ इस कार्यक्रम में ‘द ट्रैवलिंग प्रोफेसर’ सिद्धार्थ देशमुख भी जुड़ रहे हैं, जो डिजिटल रणनीति, कंटेंट निर्माण और संचार के विशेषज्ञ हैं। वे पॉडकास्ट, लिंक्डइन और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं और उद्देश्य-आधारित, प्रभावशाली कंटेंट बनाने पर फोकस करते हैं।
इसके अलावा, मॉन्क एंटरटेनमेंट के सह-संस्थापक और सीईओ विराज सेठ भी इस कार्यक्रम के उद्योग विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगे। उन्होंने फ्लिपकार्ट, मुंबई इंडियंस, एनबीए इंडिया, प्रियंका चोपड़ा और अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर जैसे प्रमुख ब्रांडों और हस्तियों के साथ सहयोग किया है।
संस्थान के अनुसार, यह कार्यक्रम कंटेंट क्रिएटर्स को डिजिटल दुनिया में रणनीतिक सोच, ब्रांड बिल्डिंग और प्रभावी संचार की दिशा में प्रशिक्षित करेगा, जिससे वे सोशल मीडिया को केवल मंच नहीं, बल्कि एक स्थायी करियर का साधन बना सकें।
