उमर अब्दुल्ला ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया: एसआईआर प्रक्रिया में सभी दलों को जानकारी दी जाए

जम्मू, 3 दिसंबर 2025: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बारे में सभी राजनीतिक दलों को पूरी जानकारी प्रदान करे, ताकि लंबित चिंताओं का समाधान हो सके और चुनावी प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव हमेशा निष्पक्ष और पारदर्शी होने चाहिए, और इसमें किसी भी शिकायत या संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि एसआईआर को लेकर किसी दल या व्यक्ति को कोई आशंका है, तो निर्वाचन आयोग को सभी दलों को बुलाकर उन्हें प्रक्रिया समझानी चाहिए और सभी चिंताओं का समाधान करना चाहिए।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैंने कभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर संदेह नहीं जताया क्योंकि मैं नहीं मानता कि इन मशीनों में हेरफेर संभव है। लेकिन चुनाव में अन्य तरीकों से हेरफेर हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, 2019 के पुनर्गठन अधिनियम और 2022 में परिसीमन के बाद जम्मू क्षेत्र में छह सीटें बढ़ाई गईं। शायद यही कारण है कि एसआईआर को लेकर कुछ चिंताएं हैं। चुनाव आयोग को हमें बुलाकर यह बताना चाहिए कि एसआईआर क्या है।”

मुख्यमंत्री ने रियासी स्थित श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में एमबीबीएस दाखिले से जुड़े विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी संस्था को धर्म के आधार पर सीटें आवंटित करनी हैं, तो अल्पसंख्यक छात्रों के लिए जगह रखी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र से मिलने वाले अनुदान को किसी अन्य क्षेत्र में निवेश किया जा सकता है, और नीट परीक्षा में केवल योग्यता के आधार पर छात्रों का चयन किया जाता है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी छात्र के मेरिट सूची में स्थान न पाने की स्थिति में इसे किसी विशेष समूह या व्यक्ति के जिम्मे नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने एसआईआर और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया।

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