उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने परिवार संग जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने परिवार संग जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर। उन्नाव के 2017 के दुष्कर्म मामले की पीड़िता, उसके परिजनों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित किए जाने के फैसले के विरोध में किया गया।

प्रदर्शन के दौरान पीड़िता ने अधिकारियों से सख्त जवाबदेही और अपने परिवार के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि उनका परिवार लगातार खतरे में है। पीड़िता ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा, “ये लोग बहुत शक्तिशाली हैं। हमें सुरक्षा दी जाए। मेरे पति की नौकरी चली गई है, हम बेरोजगार हैं, हम आखिर कहां जाएं?”

प्रदर्शनकारियों ने दोषी के प्रति कथित नरमी के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि अब तक की गई कार्रवाई जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती। पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय पर पूरा भरोसा है और न्याय की उम्मीद है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को पीटा गया, रिश्तेदारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए और लगातार प्रताड़ित किया गया। उन्होंने सरकार से अपील की कि सेंगर को किसी भी हालत में रिहा न किया जाए।

गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर को सेंगर की अपील लंबित रहने तक उसकी उम्रकैद की सजा निलंबित करते हुए सशर्त जमानत दे दी थी। अदालत ने कहा था कि सेंगर सात साल पांच महीने की सजा काट चुका है। हालांकि वह फिलहाल जेल में ही रहेगा, क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में उसे 10 साल की सजा मिली है और उस केस में उसे जमानत नहीं मिली है।

इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई कर सकता है। वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की अवकाशकालीन पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

प्रदर्शन में ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन (एआईपीडब्ल्यूए) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। संगठनों ने दावा किया कि यह मामला आपराधिक मामलों में राजनीतिक प्रभाव को उजागर करता है और यदि जवाबदेही में कमी रही तो न्याय व्यवस्था में लोगों का भरोसा कमजोर होगा।

आईसा ने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय को जंतर-मंतर से उठ रही आवाज पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषी जेल में ही रहे तथा पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा व न्याय मिले।

इस बीच, पुलिस सूत्रों ने बताया कि सेंगर के समर्थन में तख्ती लेकर पहुंचने की कोशिश कर रही एक महिला को प्रदर्शन स्थल से शांतिपूर्वक हटा दिया गया। प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की झड़प की सूचना नहीं मिली। सूत्रों के अनुसार, पीड़िता और उसकी मां की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सहायता भी दी गई।

उल्लेखनीय है कि कुलदीप सिंह सेंगर (59) उन्नाव क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुका है। वह बसपा और सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है और वर्ष 2017 में भाजपा में शामिल होकर बांगरमऊ से विधायक बना था। वहीं, सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने उन्नाव के लोगों से किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन से बचने की अपील करते हुए कहा है कि उनके परिवार को न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।

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