उत्तर प्रदेश में अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई तेज, पुलिस और खुफिया इकाइयों ने कई जिलों में गहन जांच अभियान शुरू

लखनऊ, 4 दिसंबर: उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ राज्यव्यापी कार्रवाई के तहत बृहस्पतिवार को कई प्रमुख जिलों में गहन सत्यापन अभियान शुरू किया। इस समन्वित अभियान में पुलिस, खुफिया इकाइयां और नगर प्रशासन सक्रिय हैं, जिनका उद्देश्य अवैध अप्रवासियों की पहचान और उनके दस्तावेजों की जांच करना है।

राज्य की राजधानी लखनऊ, साथ ही कन्नौज, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, गोरखपुर, आगरा, सहारनपुर, मथुरा सहित कई अन्य जिलों में जांच अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने नगर निकायों और पुलिस इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में रह रहे सभी संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान करें, उनके दस्तावेजों की जांच करें और वैध दस्तावेजों के अभाव वाले लोगों की जिला-वार सूची तैयार करें।

अधिकारियों ने बताया कि सरकारी भवनों और पुलिस केंद्रों की पहचान की जा रही है जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर अस्थायी हिरासत केंद्र में परिवर्तित किया जा सके।

बागपत:
पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय ने बताया कि स्थानीय थानों और खुफिया इकाइयों की मदद से संवेदनशील स्थानों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “किरायेदारों, बाहरी लोगों और ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है जो वैध दस्तावेजों के बिना रह रहे हैं। अभी तक किसी अवैध अप्रवासी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सतर्कता जारी है।”

मेरठ:
जिलाधिकारी वीके सिंह ने कहा कि संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की जांच तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया, “कार्रवाई की निगरानी वरिष्ठ स्तर पर की जा रही है। यदि सरकार हमें हिरासत केंद्र स्थापित करने का निर्देश देती है, तो हम तुरंत ऐसा करेंगे।” वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि जिले में हाल में आए लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी, “यदि कोई अवैध अप्रवासी पाया जाता है तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डेटा एकत्र कर संबंधित राज्यों को भेजा जा रहा है।”

आगरा:
पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों ने व्यापक जांच अभियान शुरू किया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अवैध अप्रवासियों के रहने की संभावना है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि निगम ने लगभग 5,000 सफाई कर्मचारियों की सूची जांच के लिए सौंपी है। उन्होंने बताया, “लखनऊ में कुछ सफाई कर्मचारी संदिग्ध पाए गए थे, इसलिए यहां भी इसी तरह की जांच शुरू की गई है।”

अन्य जिलों में भी निगरानी तेज:
पुलिस उपायुक्त (शहर) सैयद अली अब्बास ने बताया कि सभी थानों को सत्यापन तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, विशेषकर घनी अनधिकृत बस्तियों वाले क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि स्थानीय खुफिया इकाइयां, गुप्तचर ब्यूरो और जिला पुलिस मिलकर निवास संबंधी दस्तावेजों की जांच कर रही हैं।

अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान आने वाले दिनों में पूरे राज्य में लागू किया जाएगा और इसके माध्यम से अवैध अप्रवासियों की सूची तैयार कर उन्हें वैधानिक कार्रवाई के लिए आगे भेजा जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि अवैध निवासियों की गतिविधियों पर नकेल कसकर सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए।

इस अभियान में शामिल पुलिस और खुफिया इकाइयों का कहना है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभियान में नागरिकों से भी सहयोग की अपील की गई है ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की सही पहचान हो सके और अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।

इस पूरे प्रयास के तहत राज्यभर में सतर्कता और निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई पूरी तरह कानूनी और व्यवस्थित ढंग से होगी। इस कदम को सुरक्षा, सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक बताया जा रहा है।

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