उच्चतम न्यायालय में वकील ने सीजेआई की ओर जूता उछालने की कोशिश, सुरक्षा में सतर्कता से टली घटना

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (भाषा): सोमवार को उच्चतम न्यायालय में उस समय अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक 71 वर्षीय वकील ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कथित रूप से जूता उछालने की कोशिश की। इस दौरान अदालत में चल रही कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई, लेकिन सीजेआई ने संयम बरतते हुए वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया।

घटना के समय न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन भी पीठ में शामिल थे और वकीलों द्वारा उल्लेखित मामलों की सुनवाई चल रही थी। आरोपी की पहचान मयूर विहार निवासी अधिवक्ता राकेश किशोर (71) के रूप में की गई है, जो मंच के पास जाकर अचानक अपना जूता निकाल कर न्यायाधीशों की ओर उछालने का प्रयास करने लगा। अदालत में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे तुरंत रोका और परिसर से बाहर ले गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपी वकील उस समय “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे” चिल्ला रहा था। पुलिस अब रजिस्ट्रार जनरल के समन्वय से मामले की जांच कर रही है। आरोपी के इस व्यवहार के पीछे की मंशा को लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है।

घटना को लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह घटना सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं और सस्ती लोकप्रियता की चाह का नतीजा है। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने भी घटना की निंदा करते हुए इसे ‘‘पूरे न्यायिक संस्थान पर हमला’’ बताया और इसकी विस्तृत जांच की मांग की।

यह घटना खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनःस्थापन से संबंधित याचिका पर सीजेआई की पिछली टिप्पणियों से जुड़ी बताई जा रही है, जिसे कोर्ट ने प्रचार की कोशिश बताते हुए खारिज कर दिया था। सोशल मीडिया पर उस टिप्पणी की आलोचना के बाद सीजेआई ने स्पष्ट किया था कि वे ‘‘सभी धर्मों का सम्मान करते हैं’’।

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