ईडी ने रिलायंस पावर की कथित फर्जी बैंक गारंटी मामले में तीसरी गिरफ्तारी की

नई दिल्ली, 7 नवंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर से जुड़े ₹68 करोड़ की कथित फर्जी बैंक गारंटी मामले में अपनी कार्रवाई तेज करते हुए तीसरी गिरफ्तारी की है। एजेंसी ने कोलकाता निवासी अमर नाथ दत्ता को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गुरुवार को गिरफ्तार किया।

ईडी ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि अमर नाथ दत्ता व्यापार वित्तपोषण में परामर्श सेवाएं प्रदान करने का दावा करता था और उसने फर्जी बैंक गारंटी तैयार करने में रिलायंस पावर के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अशोक कुमार पाल और ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल के साथ सक्रिय भूमिका निभाई।

विशेष अदालत ने दत्ता को 10 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। यह इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले एजेंसी ने अशोक कुमार पाल और पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था।

ईडी के अनुसार, यह मामला रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड (Reliance NUBESS Ltd) द्वारा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) को दी गई ₹68.2 करोड़ की बैंक गारंटी से जुड़ा है, जो बाद में “फर्जी” पाई गई। यह कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी।

एजेंसी ने कहा कि रिलायंस पावर की इस सहायक कंपनी द्वारा धोखाधड़ीपूर्ण बैंक गारंटी जमा करने के कारण SECI को ₹100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।

ईडी ने आरोप लगाया कि बिस्वाल ट्रेडलिंक नामक कंपनी विभिन्न व्यापारिक समूहों को फर्जी बैंक गारंटी उपलब्ध कराने का एक संगठित नेटवर्क चलाती थी और इस काम के लिए लगभग 8 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था।

इससे पहले, रिलायंस समूह ने एक बयान जारी कर कहा था कि अनिल अंबानी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। समूह ने स्पष्ट किया था कि “अनिल अंबानी पिछले साढ़े तीन वर्षों से रिलायंस पावर लिमिटेड के बोर्ड में नहीं हैं और इस प्रकरण में उनकी कोई भूमिका नहीं है।”

ईडी की यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें कहा गया था कि बिस्वाल ट्रेडलिंक ने फर्जी बैंक गारंटी जारी की और इस धोखाधड़ी के जरिए कई कंपनियों को लाभ पहुंचाया।

एजेंसी अब इस बात की जांच कर रही है कि फर्जी गारंटी से हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई किस प्रकार की गई और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों या संस्थाओं की भूमिका क्या थी।

अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहे – https://readnownews.in/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *