बेंगलुरु, 8 नवंबर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर से चंद्रमा के उत्तर और दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्रों (80–90 डिग्री अक्षांश) का उन्नत डेटा एकत्र किया है। इस डेटा में सतह के भौतिक और परावैद्युत गुणों का विवरण शामिल है।
इसरो ने कहा कि डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार (DFSAR) पेलोड ने एल-बैंड का पूर्ण-ध्रुवमितीय मोड में उपयोग करके उच्च-रिज़ॉल्यूशन (25 मीटर/पिक्सेल) मानचित्र तैयार किया। यह रडार ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज दोनों दिशाओं में सिग्नल भेजता और प्राप्त करता है, जिससे सतह के गुणों का अध्ययन संभव होता है।
अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC) के वैज्ञानिकों ने इस डेटा का उपयोग कर पानी-बर्फ की संभावित मौजूदगी, सतह की खुरदरापन और परावैद्युत स्थिरांक के बारे में उन्नत एल्गोरिदम विकसित किए हैं। परावैद्युत स्थिरांक सतह की घनत्व और सरंध्रता जैसी विशेषताओं को दर्शाता है।
इसरो ने कहा कि ये एल्गोरिदम भविष्य के चंद्र अन्वेषण अभियानों के लिए अहम हैं, क्योंकि इससे ध्रुवीय क्षेत्रों की समग्र जानकारी मिलती है और खनिज वितरण के अध्ययन में मदद मिलती है।
उन्नत डेटा एल्गोरिदम और ध्रुवीय मानचित्र (स्तर 3C) अब भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान डेटा केंद्र (ISSDC) की वेबसाइट पर मुफ्त उपलब्ध हैं, ताकि शोधकर्ता और उपयोगकर्ता इनका लाभ उठा सकें।
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