अयोध्या। श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर भव्य दीपोत्सव की तैयारियों में डूबी है। इस वर्ष का दीपोत्सव अब तक का सबसे बड़ा होने जा रहा है, जिसमें रिकॉर्ड 28 लाख मिट्टी के दीये जलाने की योजना बनाई गई है। कार्यक्रम 19 अक्टूबर को आयोजित होगा, जिसे देखने के लिए देश और विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सरयू नदी के 56 घाटों को दीयों से सजाया जाएगा, जबकि राम की पैड़ी पर ही 15 से 16 लाख दीये एक साथ जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। शेष दीये पूरे शहर के प्रमुख स्थलों, मंदिरों और मार्गों को सजाने में लगाए जाएंगे। इस आयोजन में 30,000 से अधिक स्वयंसेवक शामिल होंगे, जो दीयों की सजावट, सुरक्षा और व्यवस्था संभालेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने दीपोत्सव को पूरी तरह “हरित और पारंपरिक” बनाने पर जोर दिया है। सभी दीये स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता भी मिली है। यह आयोजन “वोकल फॉर लोकल” अभियान का भी प्रतीक माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आयोजन में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ, पुलिस और दमकल विभाग की टीमें चौकसी पर रहेंगी। कार्यक्रम के दौरान लेज़र शो, रामलीला मंचन और आतिशबाज़ी का भी विशेष प्रदर्शन होगा।पर्यटन विभाग के अनुसार, इस दीपोत्सव से अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है। पिछले वर्ष करीब 22 लाख दीये जलाए गए थे, जबकि इस बार यह संख्या बढ़ाकर 28 लाख कर दी गई है।रामनगरी में हर ओर भक्ति, उत्साह और रोशनी का माहौल होगा — यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता की झलक भी पेश करेगा।
आयोध्या दीपोत्सव में बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड, 28 लाख दीयों से जगमगाएगी रामनगरीa
