आईआरसीटीसी घोटाला: लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ अदालत ने आरोप तय किए

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर – दिल्ली की एक विशेष अदालत ने सोमवार को बहुचर्चित आईआरसीटीसी होटल आवंटन घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप तय किए हैं। इस कार्रवाई के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया तेज हो गई है।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ मामला बनता है और भूमि हस्तांतरण से जुड़े मामलों में गंभीर अनियमितताओं का संदेह है। अदालत ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए, जबकि लालू यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप भी तय किए गए।

तीनों नेताओं ने न्यायालय के समक्ष पेश होकर खुद को निर्दोष बताया और मुकदमे का सामना करने की बात कही। इस मामले की सुनवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले का असर बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की छवि पर पड़ सकता है।

सीबीआई के अनुसार, यह घोटाला 2004 से 2014 के बीच हुआ, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल्स का संचालन और रखरखाव का ठेका आईआरसीटीसी के माध्यम से सुझाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। इस दौरान निविदा प्रक्रिया में धांधली और पक्षपात किए गए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और निजी पक्ष को अनुचित लाभ मिला।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि इस सौदे के बदले राजद नेताओं के परिवार को पटना में सस्ते दाम पर जमीन हस्तांतरित की गई, जो सीधे तौर पर पद का दुरुपयोग और भ्रष्ट आचरण का मामला है।

इस मामले में अन्य आरोपियों में आईआरसीटीसी के तत्कालीन अधिकारी वी. के. अस्थाना, आर. के. गोयल, सुजाता होटल्स के निदेशक विजय और विनय कोचर, और कंपनियां डिलाइट मार्केटिंग (अब लारा प्रोजेक्ट्स) और सुझाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

राजद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि जैसे ही आदेश की विस्तृत प्रति प्राप्त होगी, वे इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

यह मामला लालू परिवार के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चुनौती बन सकता है, खासकर उस समय जब बिहार में चुनावी घमासान चरम पर है।

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